एक संवाददाता सम्मेलन में आज जब भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन से इस मुद्दे पर सवाल किए गए तो उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी का मार्गदर्शन करते रहेंगे और आशीर्वाद देते रहेंगे।
हुसैन ने कहा, आडवाणीजी कल बैठक में हिस्सा लेंगे। पार्टी वरिष्ठ नेताओं से मार्गदर्शन हासिल करेगी। वे हमें आशीर्वाद देते रहे हैं और हम उनका मार्गदर्शन लेते रहेंगे।
यह पूछे जाने पर कि 1980 में भाजपा की स्थापना के बाद से आडवाणी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में समापन संबोधन करते रहे हैं, तो क्या इस बार भी वह संबोधित करेंगे....इस पर हुसैन ने कुछ भी स्पष्ट कहने से इनकार कर दिया।
एेसी खबरें हैं कि आडवाणी बैठक को संबोधित करने को लेकर उत्सुक नहीं हैं जबकि पार्टी के नेता चाहते हैं कि वह संबोधित करें।आडवाणी ने जून 2013 में गोवा में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिरकत नहीं की थी। उस समय संभवत: नरेंद्र मोदी को 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की प्रचार समिति के प्रमुख के तौर पर पेश किए जाने के कदम से नाखुश थे। उनकी गैर-मौजूदगी में राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अपने कदम आगे बढ़ाते हुए मोदी को प्रचार समिति का अध्यक्ष नामित कर दिया था। इससे आडवाणी और भड़क गए और आठ जून को समाप्त हुई बैठक के बाद पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। बाद में उन्हें पार्टी नेताओं ने इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाया था। मोदी के काफी करीबी माने जाने वाले शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं को मार्गदर्शक मंडल का सदस्य बना दिया गया और उसके बाद से उन्होंने पार्टी के मामलों में कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभाई है।