अरुणाचल प्रदेश में पार्टी के छह विधायकों को तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल कराए जाने से क्षुब्ध सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने अपने तेवर कड़े कर दिए हैं और इशारों में ही भाजपा को संदेश दे दिया है कि वह उसके संस्कारों को कमजोरी न समझे ।
जदयू के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने आज कहा, "हम जिनके साथ रहते हैं, पूरी इमानदारी से रहते हैं। साजिश नहीं रचते और किसी को धोखा नहीं देते हैं। हम सहयोगी के प्रति ईमानदार रहते हैं लेकिन कोई हमारे संस्कारों को कमजोरी न समझे।" उन्होंने कहा कि वह यह कोशिश करेंगे कि भविष्य में इस तरह का अवसर नहीं आए और कोई पीठ में छुरा भोंक नहीं पाए।
श्री सिंह ने कहा कि वह जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की दिशा में काम करेंगे और पूरे देश में पार्टी का विस्तार करेंगे। उन्होंने कहा कि श्री नीतीश कुमार हमारे नेता हैं और उनपर कोई उंगली उठाएगा तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।
इससे पहले पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि यह गठबंधन की राजनीति के लिए ठीक नहीं है। पार्टी ने लव जिहाद के कानून को लेकर बीजेपी शासित राज्यों में चल रही कवायद को भी गलत ठहराया। वहीं, नीतीश कुमार ने इशारों में नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें पद की कोई चाहत नहीं है और उन्होंने सिद्धांतों से न कभी समझौता किया है न आगे करेंगेI इस मामले पर राजद नेता तेज प्रताप यादव ने कहा है कि पार्टी (जदयू) में टूट शुरू हो चुकी है और जल्द ही बिहार में भी इनका सफाया जल्द हो जाएगा।
एमएलए तोड़ने के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी से काफी नाराज हैं। पटना में जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन रविवार को पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने अरुणाचल समेत कई मुद्दों को लेकर बीजेपी के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने की कोई भी लालसा नहीं थी। नीतीश ने कहा कि नतीजों के बाद उन्होंने बीजेपी से साफ कह दिया था कि जनता ने फैसला दे दिया है, कोई भी मुख्यमंत्री बने, चाहे तो बीजेपी का ही मुख्यमंत्री बने।
पाटी के नेता के सी त्यागी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की घटना को लेकर जेडीयू ने क्षोभ व्यक्त किया है। बीजेपी को अटल बिहारी वाजपेयी के अटल धर्म को अपनाना चाहिए। जेडीयू ने इस मसले पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से बात की है.।जेडीयू के विधायकों को अरुणाचल के मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात कही गई थी, लेकिन उन्होंने अपने पार्टी में ही शामिल कर लिया। इससे जदयू आहत है।