मंत्रिमंडल में युवाओं पर प्रभाव डालने की दृष्टि से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने भाजपा के कूच बिहार के सांसद निसिथ प्रमाणिक को नए मोदी कैबिनेट में मंत्री के रूप में शामिल किया है। 35 वर्षीय सांसद निसिथ कैबिनेट में सबसे कम उम्र के मंत्री हैंं। प्रमाणिक ने बुधवार को राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली थी। वह पश्चिम बंगाल के कूचबिहार से पहले केंद्रीय मंत्री बने हैं। प्रमाणिक केंद्रीय मंत्री बनने वाले पहले राजबंशी भी हैं।
कौन हैं निसिथ प्रमाणिक?
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर हमलों में भगवा ब्रिगेड के सबसे मुखर चेहरों में से एक प्रमाणिक प्राथमिक विद्यालय में पूर्व सहायक शिक्षक हैं। प्रमाणिक को अक्सर कूचबिहार को सत्ताधारी दल के प्रभाव में लाने और राष्ट्र के राजनीतिक मानचित्र पर लाने का श्रेय दिया जाता है।
दिनहाटा के रहने वाले प्रमाणिक ने बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीएसी) की डिग्री ली है। वह सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थायी सदस्य और कंसलटेटिव कमेटी, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सदस्य हैं।
तृणमूल युवा कांग्रेस में अपने राजनीतिक कौशल के लिए सम्मानित प्रमाणिक कूचबिहार जिले में एक मजबूत व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। फरवरी 2019 में शामिल होने के बाद भी कुछ महीने पहले ही उन्हें लोकसभा चुनाव में भाजपा का टिकट दिया गया था।
लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में प्रमाणिक ने अपने खिलाफ 11 आपराधिक मामले लंबित होने की बात कही थी। जिले के कई स्थानीय निकायों में उम्मीदवारों की पसंद को लेकर 2018 में पंचायत चुनाव के दौरान प्रमाणिक और टीएमसी नेतृत्व के बीच मतभेद सामने आए थे।
पंचायत चुनावों के दौरान लगभग 300 निर्दलीय उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के पीछे भी प्रमाणिक का हाथ बताया गया था, जिनमें से कई विजयी हुए थे। सांसद को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ उत्तर बंगाल के कथित चुनाव बाद हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे और कथित तौर पर हमलों से घर छोड़कर भागे लोगों के लिए असम में बनाए शिविरों के दौरे के दौरान भी देखा गया था।