बुधवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी पर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया के दौरान भाजपा बाधा पैदा करती है। ओवैसी का ये बयान तब आया जब दिल्ली बीजेपी ने चुनाव आयोग से एक मांग की। बीजेपी ने आयोग से कहा कि मतदान के लिए पोलिंग सेंटर पर आई महिलाएं जिन्होंने बुर्का पहना होता है, उनका वेरिफिकेशन जरूरी है।
ओवैसी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, “भाजपा के दिल्ली इकाई ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि बुर्के में औरतों की खास जांच होनी चाहिए। तेलंगाना में पिछले दिनों हुए लोकसभा के मतदान के दौरान इनके (भाजपा) उम्मीदवारों ने मुस्लिम महिलाओं की सरेआम बेइज्जती की और परेशान किया।” उन्होंने आगे लिखा, “चुनाव आयोग के पास उन महिलाओं के लिए स्पष्ट नियम और कानून हैं जो पर्दा रखती हैं चाहे वे बुर्का या घूंघट या मुखौटा में हों। किसी को भी सत्यापन के बिना वोट की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद, भाजपा को ऐसी विशेष मांग क्यों करनी पड़ी? मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने के लिए, उन्हें परेशान करने और मतदान में बाधाएं पैदा करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।”
इससे पहले हैदराबाद से बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवार माधवी लता के खिलाफ एक मामला दायर किया जा चुका है। दरअसल लता की एक वीडियो कुछ दिन पहले खूब वायरल हुई जिसमें वो पोलिंग सेंटर पर जाकर बुर्के में बैठी महिलाओं की वोटर आईडी कार्ड चेक कर रही थी। माधवी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 171सी, 186 और 505 (1) (सी) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 132 के तहत केस दर्ज किया गया है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के फूलपुर में सभा संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा था कि अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां दलित, बैकवर्ड और मुस्लिम समुदाय के लोगों को जो पिछले 50-60 वर्षों से मतदान कर रहे हैं, उन्हें बर्बाद करने की कोशिश कर रही हैं क्योंकि उनके अंदर एक डर बैठ गया है। ओवैसी ने जनता से अपील की थी कि वो जिम्मेदारी के साथ मतदान करें।