कांग्रेस लगातार दूसरे दिन अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर सदन में हंगामा करती रही। दरअसल अरुणाचल में कांग्रेस सरकार के कई विधायक बागी होते जा रहे हैं। अचानक राज्यपाल ने शीत सत्र एक महीना पहले बुला लिया। राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव भी विधानसभा में रखने का आदेश दिया। इसे लेकर कांग्रेस ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर राज्यपाल को हटाने की मांग की और सरकार से भी इस पर जवाब मांगा। गुरुवार को सदन में अरुणाचल को लेकर हंगामा हुआ। दोपहर बाद जब बैठक शुरू हुई तब भी अरूणाचल के मुद्दे को लेकर कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा। जदयू के शरद यादव ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश संवेदनशील राज्य है और दो दिनों से इस मुद्दे पर संसद में कामकाज बाधित है लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गयी है।
शरद यादव ने आरोप लगाया कि वहां चुनी हुयी सरकार को गिराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वहां करीब दो सौ महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। लेकिन केंद्र सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है। बाद में संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस संबंध में आज ही नोटिस दिया गया है और सभापति इस पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार राज्यपाल की भूमिका और विधानसभा की कार्यवाही पर यहां चर्चा नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि अगर आसन नोटिस को स्वीकार कर लेता है तो सरकार इस विषय पर जवाब देने के लिए तैयार है।
हंगामे के बीच उपसभापति कुरियन ने बार बार कहा कि इस संबंध में दिए गए नोटिस पर सभापति विचार कर रहे हैं। इस पर कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश में जो रहा है, वह सरकार की जवाबदेही है। उन्होंने आगाह किया कि वहां की घटना का दूरगामी असर होगा और यह सुरक्षा से भी जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आग से खेल रही है।