दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में राउज़ एवेन्यू कोर्ट द्वारा तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजे जाने के बाद, आम आदमी पार्टी ने घोषणा की कि उसके सांसद गुरुवार को संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन का बहिष्कार करेंगे।
तीसरी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के गठन के बाद यह पहला राष्ट्रपति भाषण होगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद के दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा, जिस पर सदस्य चर्चा करेंगे।
आप नेता संदीप पाठक ने कहा कि राष्ट्रपति और संविधान सर्वोच्च हैं और जब न्याय के नाम पर तानाशाही की जाती है तो आवाज उठाना जरूरी है।
उन्होंने कहा, "आज हम दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ राज्यसभा में विरोध प्रदर्शन करेंगे और हम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे। राष्ट्रपति और संविधान सर्वोच्च हैं और जब न्याय के नाम पर तानाशाही की जाती है, तो हमारी आवाज उठाना जरूरी है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या इंडिया गुट की अन्य पार्टियां भी राज्यसभा में विरोध प्रदर्शन करेंगी, पाठक ने कहा, "इस संबंध में हमारी इंडिया गठबंधन की बाकी पार्टियों से कोई चर्चा नहीं हुई लेकिन हमारी पार्टी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी।"
इस बीच दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को केजरीवाल को एक्साइज पॉलिसी मामले में तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया।
अवकाश न्यायाधीश अमिताभ रावत ने दोनों पक्षों की सभी दलीलों पर ध्यान देने के बाद अरविंद केजरीवाल को 29 जून, 2024 तक सीबीआई रिमांड पर रहने की अनुमति दी।
रिमांड अवधि के दौरान, अदालत ने केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को उनसे 30 मिनट और उनके वकील को हर दिन 30 मिनट के लिए उनसे मिलने की अनुमति दी। अदालत ने उन्हें रिमांड अवधि के दौरान अपनी निर्धारित दवाएं ले जाने की भी अनुमति दी है।
सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल ने खुद कोर्ट को संबोधित करते हुए कहा, ''सीबीआई दावा कर रही है कि मैंने मनीष सिसौदिया के खिलाफ बयान दिया है, जो पूरी तरह से गलत है। मनीष सिसौदिया निर्दोश है, आम आदमी पार्टी निर्दोश है। मैं भी निर्दोश हूं। इस तरह के बयान हमें मीडिया में बदनाम करने के लिए दिए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा, "सीबीआई सूत्रों के हवाले से मीडिया में हमे बदनाम कर रहे हैं। इनका प्लान है कि मीडिया फ्रंट पेज पर ये चला दे कि केजरीवाल ने सारा ठीकरा मनीष सिसोदिया पर डाल दिया।"
हालांकि, कोर्ट ने कहा, "हमने आपका बयान पढ़ा है। आपने ऐसा नहीं कहा है।''
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जमानत आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट को आक्षेपित आदेश पारित करने से पहले कम से कम धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 की जुड़वां शर्तों की पूर्ति के साथ अपनी संतुष्टि दर्ज करनी चाहिए थी।