आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया और गोवा, मणिपुर के घटनाक्रम को लोकतंत्र की हत्या बताया। लोकसभा अध्यक्ष द्वारा इस मुद्दे पर बोलने की अनुमति नहीं देने पर कांग्रेस सदस्यों ने एक बार प्रश्नकाल के दौरान और दूसरी बार प्रश्नकाल समाप्त होने के कुछ देर बार सदन से वाकआउट किया।
खड़गे ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। भाजपा ऐसा कर रही है। हमें अपनी बात रखने की अनुमति दी जाए। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि अभी नहीं। जो कुछ भी कहना है, वे बाद में कहें। इससे पहले अध्यक्ष ने कांग्रेस सदस्यों के कार्यस्थगन प्रस्ताव के सभी नोटिस को अस्वीकार कर दिया।
अन्नाद्रमुक के कुछ सदस्यों को कुछ कहते देखा गया। हालांकि प्रश्नकाल के बाद मौका दिये जाने के स्पीकर के आश्वासन पर वे शांत हो गए। कांग्रेस सदस्यों के अपनी बात रखने का मौका दिए जाने के आग्रह के बाद जब अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी तो खड़गे ने कहा कि वे इसका विरोध करते हैं और सदन से वाकआउट करते हैं। इसके बाद कांग्रेस, राकांपा, राजद सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
प्रश्नकाल समाप्त होने पर अध्यक्ष ने आवश्यक कागजात सभा पटल पर रखने का निर्देश दिया। इस दौरान कांग्रेस सदस्यों ने एक बार फिर गोवा, मणिपुर के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया। लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति देने से इंकार करते हुए कहा कि आज शून्यकाल नहीं है और शत्रु सम्पत्ति संशोधन विधेयक पर चर्चा होगी। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह ठीक नहीं है। अगर आप हमें विषय को नहीं उठाने देंगी तब हम कहां जाएंगे। इसके बाद कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर गए।
उल्लेखनीय है कि गोवा में कांग्रेस के 17 विधायक हैं जबकि भाजपा के विधायकों की संख्या 13 है। गोवा फारवर्ड पार्टी और एमजीपी के तीन-तीन विधायक हैं, तीन विधायक निर्दलीय और राकांपा का एक विधायक है। इस बीच कांग्रेस की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में मनोहर पर्रिकर के शपथग्रहण पर रोक लगाने से इनकार किया और 16 मार्च को शक्ति परीक्षण का आदेश दिया।
मणिपुर में भी कांग्रेस 28 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। मणिपुर में भाजपा 21 सीट जीतकर दूसरे स्थान पर रही है। दोनों दलों ने मणिपुर में सरकार बनाने का दावा पेश किया है।