भाषा के अनुसार प्रश्नकाल के बाद माकपा के मोहम्मद सलीम ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि यह संसदीय मर्यादा का सवाल है। स्पीकर ने इस बारे में व्यवस्था दी और इस मामले को आचार समिति को भेजा, लेकिन एक साल से समिति की बैठक नहीं हुई है। आचार समिति की बैठक क्यों नहीं हुई?
उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों के घूस लेने का मामला है। उच्च न्यायालय सीबीआई जांच कराने का आदेश दे रही है। लेकिन आचार समिति में इस मामले में कुछ नहीं हो रहा है।
सलीम ने कहा कि इससे पहले ऐसे ही एक मामले में हमने 10 लोगों पर कार्रवाई की थी।
सदन में मौजूद सौगत राय समेत तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया।
इस पर सलीम ने कहा कि मैं तो घूस का मुद्दा उठा रहा हूं, इन्हें क्या परेशानी है। इन्हें शर्म आनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संसद की आचार समिति की बैठक नहीं हो रही है और न्यायपालिका हम सब के ऊपर अंगुली उठा रही है। हमारी संसदीय व्यवस्था खतरे में है। इस विषय पर ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि यह लोकसभा का मुद्दा है।
एजेंसी