उन्होंने कहा, चुनाव प्रचार (उत्तर प्रदेश चुनाव) के दौरान भाजपा नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल कर्ज माफी का जो आश्वासन दिया था, वह विशिष्ट राज्य आधारित था। वहां सरकार का गठन होते ही वह निश्चित ही सकारात्मक रूप से इस दिशा में विचार करेंगे और इसे लागू करने की कोशिश करेंगे।
लोकसभा में इस मुद्दे पर भाजपा को घेरने के विपक्ष के प्रयासों के बीच नायडू ने पीटीआई-भाषा को बताया, सरकार की यह राष्ट्रीय नीति नहीं है। यह राज्य विशिष्ट है।
उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों के लिए कर्ज माफी का वादा किए जाने पर हाल में निचले सदन में चर्चा के दौरान कई दलों के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जतायी थी और यह मांग की थी कि किसानों की आत्महत्या की संख्या में कमी लाने के लिए सरकार को समूचे देश के किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए।
कुछ अन्य राज्यों से भी इसी तरह की कर्ज माफी की मांगों का हवाला देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, यह (कर्ज माफी) संसाधन और राज्यों की वित्तीय व्यवहार्यता पर निर्भर करता है। वे (राज्य) खुद फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
चर्चित तेलुगु अभिनेता एवं जन सेना संस्थापक पवन कल्याण की टिप्पणियों की ओर संकेत करते हुए नायडू ने कहा कि केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाना सही नहीं है। उन्होंने कहा, इसमें कोई उत्तर और दक्षिण का मुद्दा शामिल नहीं है। पवन ने कहा था कि केंद्र उत्तर और दक्षिण के बीच भेदभाव करता है।
भाषा