कांग्रेस के सदस्य ललित मोदी और व्यापमं मामलों में जवाबदेही तय किए जाने और विदेश मंत्री के साथ-साथ राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग पर अड़े थे। कुरियन ने कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा द्वारा नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक चर्चा नहीं शुरू होगी, प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे सकते। इस पर सदन के नेता और वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सुषमा स्वराज एक बयान देंगी ताकि चर्चा शुरू हो सके।
सुषमा ने कहा कि वह पहले दिन से कह रही हैं कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ललित मोदी को मदद देने का आरोप निराधार है। उन्होंने कहा, मैंने ललित मोदी को यात्राा दस्तावेज जारी करने के लिए ब्रिटिश सरकार से कोई अनुरोध या सिफारिश नहीं की है। उनके बयान के बीच ही कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और आसन के समक्ष आ गए। हंगामे को देखते हुए कुरियन ने बैठक 11 बजकर 15 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सुषमा ने हंगामे के बीच ही कहा कि वह दो हफ्तों से इस उम्मीद में रोजाना सदन में आ रही हैं कि वह इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दे सकेंगी। इसके पहले कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार के अहंकार के कारण सदन में गतिरोध बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सदन में उस समय तक सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो सकती जब तक कि जवाबदेही तय करने को लेकर प्रधानमंत्री जवाब नहीं देते।