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एक सवाल पूछा और मंत्री बन गए

मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में एक ऐसे भी मंत्री हैं जिन्होने सोलहवी लोकसभा के दो साल बीत जाने के बाद भी संसद में केवल एक सवाल पूछा और मंत्री बना दिए गए। यह हैं कर्नाटक की बीजापुर सुरक्षित सीट से सांसद रमेश सी जिगाजिनागी।
एक सवाल पूछा और मंत्री बन गए

पीआरएस लेजिलेटिव रिसर्च इंस्टीटयूट फॉर पॉलिसी रिसर्च स्टडीज ने मंगलवार को मंत्रिमंडल में शामिल किए गए 19 मंत्रियों की संसद में उपस्थिति, सवाल, बहस में हिस्सा लेने के बारे में अध्ययन रिपोर्ट तैयार किया। रिपोर्ट के मुताबिक जिगाजिनागी की संसद में उपस्थिति तो 97 फीसदी रही है लेकिन किसी बहस में शामिल नहीं हुए। हां संसद में इनके नाम से केवल एक सवाल है और कोई निजी विधेयक भी इन्होने संसद में नहीं पेश किया। जिगाजिनागी पांचवी बार लोकसभा सांसद बने हैं और कर्नाटक के बीजापुर सुरक्षित सीट से सांसद हैं। जिगाजिनागी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तीन बार विधायक रहे और पांचवी बार सांसद बने। लगातार पांचवी बार सांसद बने जिगाजिनागी तड़क-भड़क से दूर रहते हैं और क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। बस इनकी कमी यही है कि यह संसद में भी कम बोलते हैं।

रिसर्च में अन्य मंत्रियों के बारे में जो तथ्य ऊभर कर आए उनमें राज्यसभा सांसद एमजे अकबर ने तीन बार बहस में हिस्सा लिया लेकिन एक भी सवाल नहीं पूछा। वहीं पीपी चौधरी ने 358 बार बहस में भाग लिया और 394 सवाल पूछे। चौधरी की संसद में उपस्थिति 98 प्रतिशत रही है और इन्होने 18 निजी विधेयक भी संसद में पेश किए। 

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