Advertisement

किसान आत्महत्या के मुद्दे पर संसद में हंगामा

किसान की खुदकुशी सहित देश में किसानों की आत्महत्या को लेकर संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। जिसके कारण दोनों सदनों को कुछ देर के लिए स्‍थगित करना पड़ा। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कुछ सदस्यों की ओर से प्रश्नकाल स्थगित करने के लिए दिये गये नोटिस को अस्वीकार करते हुए 12 बजे इस विषय पर चर्चा कराने और फिर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बात रखने की व्यवस्था दी।
किसान आत्महत्या के मुद्दे पर संसद में हंगामा

हालांकि विपक्षी सदस्य प्रश्नकाल स्थगित करके तत्काल चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे। वामदलों ने सदन से वाकआउट किया जबकि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, सपा, राकांपा सदस्य आध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। विपक्ष के शोर शराबे से क्षुब्ध लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, किसी को किसानों के सरोकार से कोई मतलब नहीं है। सभी अपनी राजनीति कर रहे हैं।

 लोकसभा में  सभी दलों द्वारा इस मुद्दे को उठाये जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि  किसानों की आत्महत्या समग्र देश के लिए चिंता का विषय है। कल की घटना से पूरे देश में पीड़ा है और उसकी अभिव्यक्ति आज सदन में भी हुई। मैं भी इस पीड़ा में सहभागी हूं। उन्होंने कहा, हम सबका संकल्प होना चाहिए कि हम मिलकर समस्या का समाधान कैसे करें। समस्या बहुत पुरानी और व्यापक है और उसे उसी रूप में लेना होगा। जो भी अच्छे सुझाव  आयेंगे, सरकार उसे लेने को तैयार है। किसान की जिंदगी और इंसान की जिंदगी से बड़ी कोई चीज नहीं है। सदस्यों द्वारा अपनी बात रखे जाने के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से इसका जवाब दिये जाने के समय प्रधानमंत्री सदन में आए और सिंह के बयान के बाद उन्होंने कहा, सदन की पीड़ा से जोड़ते हुए मैं यह कहना चाहूंगा कि यह पीड़ा बहुत पुरानी और गहरी है और हमें सोचना होगा कि हम गलत कहां रहे।

उधर राज्यसभा में भी किसानों की आत्महत्या सहित विभिन्न मुद्दों पर सपा, तृणमूल एवं कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्‍थगित करना पड़ा। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad