इन अध्यादेशों में कोयला, खान एवं खनिज, ई रिक्शा, नागरिकता संशोधन अधिनियम, भूमि अधिग्रहण और एक बीमा क्षेत्र में एफडीआई से संबंधित है।
23 फरवरी से शुरू होकर सत्र का समापन आठ मई को समाप्त होगा। इस दौरान नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अपना पहला पूर्ण बजट पेश करेगी जिसने पिछले वर्ष मई में सत्ता संभाली है।
लोकसभा में तो सरकार के पास बहुमत है लेकिन राज्यसभा में पारित कराने के लिए सरकार को विपक्षी दलों का भी सहारा लेना पड़ सकता है। इनमें कुछ विधेयकों को लेकर विपक्ष ने आक्रामक रूख अपनाया हुआ है। ऐसे में सरकार को इन अध्यादेशों को विधेयक में पारित करवाना मुश्किल होगा।
संसद सत्र सुचारू रूप से चले इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने २२ फरवरी को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया है। जिसमें सत्र को लेकर भी चर्चा होगी।
सत्र के दौरान सरकार कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश करना चाहेगी। जिसमें व्हीसलब्लोअर संरक्षण अधिनियम में संशोधन, सेवा एवं शिकायत निपटारा का अधिकार विधेयक, अंतर राज्य जल विवाद अधिनियम में संशोधन आदि शामिल है।
विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। सत्र के पहले दिन कई सामाजिक संगठन में सरकारी नीतियों के विरोध में जंतर-मंतर पर धरना देंगे।
२३ फरवरी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। २४ और २५ फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा होगी। 26 फरवरी को रेल बजट पेश होगा। 27 फरवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जायेगा और २८ फरवरी को वित्त मंत्री अरूण जेटली आम बजट पेश करेंगे।