समिति के अध्यक्ष और भाजपा सदस्य एस.एस. अहलुवालिया द्वारा इस संबंध में कांग्रेसी सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बीच सदन के पटल पर एक प्रस्ताव रखा गया। कांग्रेसी सदस्य ललित मोदी विवाद और व्यापमं मुद्दे को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया था, यह सदन भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुन: बसाहट में उचित मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2015 पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट पेश करने के लिए समय विस्तार करता है। प्रस्ताव को ध्वनि मत से स्वीकार कर लिया गया। इससे पूर्व रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम समय सीमा तीन अगस्त तक थी।
समिति के कई विपक्षी सदस्यों को लगा कि सात अगस्त की समय सीमा समिति को अपना काम पूरा करने के लिहाज से बहुत कम है। वे चाहते थे कि समिति नौ अगस्त तक अपना काम पूरा करके दस अगस्त को संसद में रिपोर्ट पेश कर दे। कांग्रेस के एक सदस्य ने कहा, उपबंध दर उपबंध विचार और विपक्ष द्वारा पेश किए संशोधनों पर मतविभाजन के बाद, हमें अपने असहमति नोट तैयार करने के लिए रिपोर्ट के मसौदे का अध्ययन करने की जरूरत है।