गुरुवार की सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस, तृणमूल, वाम दलों ने 500 और 1000 रूपये के नोटों को अमान्य करने के कारण आम लोगों को हो रही परेशानियों और इस निर्णय को चुनिंदा तरीके से लीक करने का आरोप लगाते हुए कार्यस्थगित कर तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन और जाली नोट को खत्म करने और इसके आधार पर पनपने वाले आतंकवाद को खत्म करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने यह पहल की है। उन्होंने कहा, हम इस विषय पर चर्चा कराने को तैयार हैं। विपक्ष इस पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया है। भारत सरकार इस पर नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है। पूरी जनता मोदी सरकार के इस निर्णय के साथ है। राज्यसभा में इस पर चर्चा शुरू हो चुकी है। नियम 193 में चर्चा के बाद मतविभाजन का प्रावधान नहीं है। किन्तु विपक्षी सदस्य इस पर तैयार नहीं थे और वे कार्यस्थगित कर चर्चा कराने की मांग करते रहे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मत विभाजन के प्रावधान के तहत इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया।
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने नियम 56 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। सभी दल चाहते हैं कि इस पर कार्य स्थगित करके चर्चा कराई जाए। उन्होंने कहा कि हमने 500 रूपये और 1000 रूपये के नोटों को अमान्य करने के निर्णय के कारण आम लोगों, किसानों, छोटे कारोबारियों को हो रहीं परेशानियों और आर्थिक संकट एवं इसे कथित रूप से लीक करने के विषय को लेकर नोटिस दिया है। और इस पर तत्काल चर्चा शुरू कराई जाए। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि हमारी पार्टी ने इस मुद्दे पर कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। इसके कारण आम लोग, गरीब लोग काफी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि इस निर्णय पर रोक लगाई जाए। हम सभी भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं और हम सब को मिलकर इससे निपटना है। राजद के जयप्रकाश नारायण यादव, माकपा के मोहम्मद सलीम ने भी कहा कि नोटबंदी के कारण लोग परेशान हैं। इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराई जाए। कांग्रेस, तृणमूल सदस्य प्रधानमंत्री जवाब दो जैसे नारे लगाते रहे। हालांकि अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल की कार्यवाही चलाई।
दोपहर 12 बजे शून्यकाल शुरू होने पर भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। कांग्रेस, तृणमूल, वामदल, अन्नाद्रमुक आदि के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करते रहे। महाजन ने कहा, आप शांति से बैठें तो चर्चा की अनुमति दे सकते हैं। लेकिन कार्यस्थगित करके चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती। शोरशराबा जारी रहने पर अध्यक्ष ने 12 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही साढ़े 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर साढ़े 12 बजे बैठक पुन: शुरू होने पर भी स्थिति जस की तस थी। खड़गे ने कहा कि नियम 56 के तहत चर्चा में पूरा सदन भाग लेगा तो पता चल जाएगा कि कौन किधर है। नियम 193 के तहत केवल चर्चा करके छोड़ दिया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि इस विषय पर सभी एकमत हैं और कोई दुविधा नहीं है। लेकिन चर्चा नियम 193 के तहत ही कराई जाएगी। विपक्ष अपनी मांग पर कायम रहा और विपक्षी सदस्यों का हंगामा थमता नहीं देखकर लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।