सिंह ने कहा कि वहां मेरे साथ मर्यादित व्यवहार हुआ या नहीं, इस बारे में कहने में मुझे संकोच होता है। उन्हें जो करना था, वह किया। मुझे कोई शिकायत नहीं है। लेकिन जहां तक भारत का सवाल है तो मेहमाननवाजी में भारत की एक अलग, खास जगह है और हम उसे बनाए रखेंगे। गौरतलब है कि दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की बैठक के बाद सिंह पाकिस्तानी गृह मंत्री द्वारा आयोजित दोपहर के भोज में शामिल हुए बिना स्वदेश लौट आए। सिंह ने कहा मैं वहां भोजन करने नहीं गया था।
राजनाथ ने कहा कि भारत की ओर से मैंने आतंकवाद पर विशेष बल दिया क्योंकि दक्षिण एशिया में शांति और खुशहाली के लिए सबसे बड़ी चुनौति और सबसे बड़ा खतरा यदि कोई है तो वह आतंकवाद है। उन्होने कहा कि इस बुराई को जड़ सहित उखाड़ फेंकने का पक्का संकल्प करने का आवाह्न किया। राजनाथ ने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा नहीं मिले, इसके लिए न सिर्फ आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के विरुद्ध, बल्कि उन्हें समर्थन देने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं, संगठनों और राष्ट्रों के विरुद्ध भी कठोर से कठोर कदम उठाए जाने चाहिए।