भाकपा के एमपी अच्युतन, कांग्रेस के वायलार रवि और माकपा के पी. राजीव का छह साल का कार्यकाल 21 अप्रैल को समाप्त हो गया। चूंकि उच्च सदन का सत्रावसान कर दिया गया था और इसकी बैठक पूर्व कार्यक्रम के अनुसार 20 अप्रैल को शुरू नहीं हो पाई, इसलिए इन सदस्यों की सदन में औपचारिक विदाई नहीं हो सकी थी। हालांकि इन तीनों में से कांग्रेस के वायलार रवि फिर से निर्वाचित होकर उच्च सदन में आ गये हैं।
सदन के नेता अरुण जेटली ने माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी से कहा कि वह राजीव को सदन में फिर से लाने के बारे में विचार करें। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने जेटली की मांग का समर्थन करते हुए राजीव को नियमों का एनसाइक्लोपीडिया बताया। सभापति हामिद अंसारी ने केरल के इन तीनों सदस्यों को विदाई देते हुए कहा कि हालांकि रवि पुनर्निर्वाचित होकर वापस आ गये हैं, लेकिन सदन राजीव एवं अच्युतन की कमी महसूस करेगा। इन दोनों सदस्यों ने कई अवसरों पर अपनी सक्रिय भागीदारी के जरिये सदन के विचार विमर्श में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने निश्चित तौर पर इस गरिमापूर्ण सदन के सम्मान एवं गरिमा में वृद्धि की है।
राज्य सभा की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के लिए चुने गए वायलार रवि, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के पी वी अब्दुल वहाब और माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के केके रागेश को सदस्यता की शपथ दिलाई।