इसे लेकर विपक्ष एवं सत्तापक्ष के बीच तनातनी एवं हंगामे के चलते बैठक को दो बार संक्षिप्त रूप से स्थगित किया गया। सिंह जैसे ही सदन में आए बसपा के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि इन केंद्रीय मंत्री को सदन में एक मिनट भी बैठने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने संविधान का उल्लंघन किया है।
इसके कुछ ही समय बाद संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू आए और उन्होंने सिंह पर लगे आरोपों को गलत करार देते हुए कहा कि बसपा जाति के नाम पर राजनीति कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिंह सदन से बाहर नहीं जाएंगे। सदन में हंगामा बढ़ते देख उपसभापति पी.जे. कुरियन ने बसपा सदस्यों को शांत करते हुए कहा कि मंत्री ने संविधान का उल्लंघन किया है या नहीं, यह आसन नहीं अदालत तय करेगी। केंद्रीय मंत्री होने के नाते सिंह को इस सदन में आने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि वह किसी मंत्री से सदन से जाने के लिए नहीं कह सकते।
बहरहाल, बसपा के सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए और आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही संक्षिप्त समय के लिए दो बार स्थगित की गई। इससे पहले यह मुद्दा उठाते हुए बसपा नेता मिश्र ने कहा कि सिंह सदन में बैठने के योग्य नहीं हैं क्योंकि उन्होंने संविधान की अवमानना की है। आप यह भी नहीं जानते कि किसी दलित इंसान को कैसे संबोधित किया जाए। वह इस सदन में बैठने के योग्य नहीं हैं। उन्हें इस सदन में बैठने का अधिकार नहीं है क्योंकि उन्होंने उसी संविधान का उल्लंघन किया है जिसकी उन्होंने शपथ ली थी। उन्हें बाहर कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने अभी तक माफी नहीं मांगी है। मिश्र ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि सिंह सदन में विचलित हुए बिना मुस्कुरा रहे हैं। बसपा नेता ने केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सेना प्रमुख से कहा कि वह पेंशन लें और बाहर बैठें।
इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि बसपा सदस्य एक सम्मानित मंत्री का अपमान कर रहे हैं और यह विशेषाधिकार का मामला है। आपने एक निर्वाचित सदस्य का अपमान किया है जो एक मंत्री हैं। क्या सदन इसी तरह चलेगा। इसके बाद बसपा के कई सदस्य तथा कांग्रेस के प्रमोद तिवारी एवं पी एल पुनिया आसन के समक्ष आ गए। कांग्रेस नेता तिवारी ने कहा कि सिंह ने पत्रकारों के बारे में अभद्र टिप्पणी की है।
इसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह सदन में आए। सदन में चेन्नई में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए कल इसी मुद्दे पर हुई चर्चा का जवाब राजनाथ द्वारा कराए जाने पर सहमति बन गई। सिंह के बयान के साथ ही सदन में सामान्य ढंग से कामकाज होने लगा। हालांकि बाद में बसपा नेता मिश्र ने कहा कि उनकी पार्टी आगे भी सिंह के सदन में आने का विरोध जारी रखेगी।