राज्य सभा में कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ''अब बीजेपी 19 राज्यों में सत्ता में है। केंद्र में भी उसकी सरकार है, तो उन्हें पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने से कौन रोकता है। जीएसटी काउंसिल इस मसले को कब उठाएगी?''
Now that BJP is in power in 19 states and at the Centre what prevents them from bringing petroleum products under GST? When will the GST Council take up this subject: P Chidambaram, Congress in Rajya Sabha pic.twitter.com/xWybbIjTDB
— ANI (@ANI) December 19, 2017
इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में है।
जेटली ने कहा कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के अंदर लाने के मसले पर हम राज्यों की आम सहमति का इंजतार करेंगे। उम्मीद है कि राज्य देर-सवेर इस मसले पर सहमत हो जाएंगे।
We are in favour of bringing petroleum products under GST. We would await consensus of the states and hope states agree to the consensus sooner or later: Union Finance Minister Arun Jaitley in Rajya Sabha pic.twitter.com/jO4eZILPSq
— ANI (@ANI) December 19, 2017
राज्य सभा में कांग्रेस के हंगामे के मसले पर जेटली ने कहा कि विपक्ष के नेता समेत अपने सभी सहयोगियों को आमंत्रित करेंगे और हर मसले का चर्चा के साथ हल निकालने का प्रयास करेंगे।
मनमोहन सिंह के खिलाफ टिप्पणी पर हंगामा
नरेंद्र मोदी की पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ टिप्पणी को लेकर मंगलवार को लोकसभा और राज्य सभा में हंगामा हुआ। राज्यसभा में कांग्रेस लीडर गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी से माफी मांगने की बात कही। सोमवार को भी कांग्रेस समेत अन्य सदस्यों ने संसद के दोनों सदनों में टिप्पणी को लेकर हंगामा किया था और नारेबाजी करते हुए मोदी से माफी मांगने की बात कही थी। हंगामे और शोरशराबे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी।
राज्य सभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह देश के प्रति ईमानदार रहे हैं। इसको लेकर कोई सवाल नहीं उठा सकता। पीएम मोदी को सदन में आकर इसके लिए सफाई देनी चाहिए।