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चाचा-भतीजे के बीच फिर होगी सुलह?, चिराग के न्योते को पशुपति पारस ने स्वीकारा; तेजस्वी की रणनीति हो जाएगी फेल?

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक और दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली बरसी के मौके...
चाचा-भतीजे के बीच फिर होगी सुलह?, चिराग के न्योते को पशुपति पारस ने स्वीकारा; तेजस्वी की रणनीति हो जाएगी फेल?

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक और दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली बरसी के मौके पर बेटे चिराग पटना में 12 सितंबर को बरसी के कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहे हैं। इस आयोजन में हिस्सा लेने केंद्रीय मंत्री और एलजेपी के नेता पशुपति कुमार पारस ने हामी भर दी है। इस बात की पुष्टि उन्होंने खुद एक न्यूज एजेंसी से बात चीत करते वक्त की। उन्होंने कहा कि खुशी है कि चिराग पासवान ने हाल ही में उनके आवास का दौरा किया और उन्हें इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया।

उन्होंने कहा, "मैं निश्चित रूप से 12 सितंबर को कार्यक्रम में शामिल होऊंगा। यह मेरे बड़े भाई (रामविलास पासवान) की पुण्यतिथि के अवसर पर एक कार्यक्रम है। इसमें शामिल न होने का कोई सवाल ही नहीं है। मैं आज जो कुछ भी हूं, बड़े भाई के आशीर्वाद के कारण हूं। हालांकि मुझे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) का भी आशीर्वाद है।"

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चिराग ने इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई नेताओं को न्योता भेजा है। बिहार रवाना होने से पूर्व चिराग ने पीएम मोदी और अमित शाह से बात कर उन्हें आमंत्रित करने की जानकारी दी। चिराग ने यह भी बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा सोनिया गांधी, राहुल गांधी से मुलाकात कर कार्यक्रम में उन्हें भी आमंत्रित किया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भी आयोजन के लिए न्योता दिया गया है।

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बता दें, पिता की राजनीतिक विरासत पर कब्जे के लिए चाचा के साथ सियासी संघर्ष के बीच चिराग पासवान पारंपरिक कैलेंडर के मुताबिक 12 सितंबर को पिता रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि मनाएंगे। वह अपने पिता की पहली पुण्यतिथि पर बिहार की राजधानी पटना में बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं।

 

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इसी के बहाने तेजस्वी-चिराग के बीच नजदीकियां बढ़ती जा रही है। लालू यादव ने कहा था कि चिराग साथ आना चाहें तो उनका स्वागत है। तेजस्वी और चिराग उनके लिए बराबर हैं। वहीं, लोजपा में बगावत के बाद तेजस्वी ने चिराग को शामिल करने की कई रणनीति बनाई थी। लेकिन, चिराग अभी तक अकेले ही अपनी जमीन तैयार करने की कोशिश में लगे हुए हैं। यदि फिर से चाचा पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच सबकुछ ठीक हो जाता है तो फिर तेजस्वी को इससे झटका लग सकता है। क्योंकि, नीतीश और पारस के बीच नजदीकियां देखने को मिल रही है।

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