कोविड महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के लिए शुरु की गई ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ योजना के तहत प्राप्त लगभग 51 प्रतिशत आवेदनों को खारिज कर दिया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, योजना के तहत 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 613 जिलों से कुल 9,331 आवेदन प्राप्त हुए थे।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 558 जिलों से केवल 4,532 आवेदनों को मंजूरी दी गई जबकि 4,781 आवेदनों को खारिज कर दिया गया। कुल 18 आवेदनों की मंजूरी लंबित है।
मंत्रालय की ओर से इसे खारिज करने का कोई खास कारण नहीं बताया गया है।
राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने क्रमशः 1,553, 1,511 और 1,007 आवेदनों के साथ सबसे अधिक आवेदन दर्ज किए। इनमें से महाराष्ट्र के 855, राजस्थान के 210 और उत्तर प्रदेश के 467 आवेदनों को मंजूरी दी गई।
इस योजना का उद्देश्य बच्चों की निरंतर व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना, स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना, शिक्षा के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाना और 23 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाना है।