कांग्रेस ने उसके चुनावी घोषणा़पत्र में ‘मुस्लिम लीग की छाप’’ होने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी को लेकर सोमवार को निर्वाचन आयोग का रुख किया और इस मामले में कार्रवाई की मांग की।
पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को आयोग के समक्ष इस विषय और कुछ अन्य मुद्दों को रखा। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक और सलमान खुर्शीद, कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा और कांग्रेस कार्य समिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य गुरदीप सप्पल शामिल थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के नवादा जिले में रविवार को एक चुनावी सभा में कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि उसके चुनाव घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप है और उसके नेताओं के बयानों में राष्ट्रीय अखंडता व सनातन धर्म के प्रति शत्रुता दिखाई देती है।
खुर्शीद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी ने अपने भाषणों में कांग्रेस के घोषणा पत्र को झूठ का पुलिंदा कहा है, यह काफी दुखद है। आप किसी भी पार्टी से मतभेद रख सकते हैं, लेकिन एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी के घोषणा पत्र के बारे में ऐसा कहना दुखी करने वाली बात है।’’
उनका कहना था, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि यह उन पार्टियों का घोषणा पत्र लगता है, जो हमारे धर्मनिरपेक्ष समाज की आजादी का विरोध कर रहे हैं। हम समझते हैं कि प्रधानमंत्री को ऐसी बात कहने का कोई अधिकार नहीं है।’’ खुर्शीद ने कहा, ‘‘हमने इस मामले को चुनाव आयोग के समक्ष रखा है और उनसे विशेष अनुरोध किया है कि वे इसे गंभीरता से लें और इस पर कार्रवाई करें।’’
खेड़ा ने कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग के सामने ऐसी बातें रखी हैं, जिन पर हम पहले भी आपत्ति दर्ज कराते रहे हैं। जैसे चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा पहनी गई सेना की यूनिफॉर्म वाली तस्वीरों का दुरुपयोग हो रहा है, चुनाव आयोग में पहले से ही एडवाइजरी (परामर्श) है कि चुनाव के दौरान ऐसा नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर कदम उठाने आग्रह किया है, क्योंकि भाजपा ऐसा अपराध लगातार कर रही है।’’
सप्पल का कहना था, ‘‘ पिछली बार हमने चुनाव आयोग के सामने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और भाजपा के सोशल मीडिया हैंडल पर विभाजनकारी पोस्ट का मुद्दा उठाया था। आज हमने चुनाव आयोग से कहा है कि सूचना-प्रसारण मंत्रालय कई यू-ट्यब चैनल को बंद कर रहा है। इस पर चुनाव आयोग ने कहा है कि वो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता चाहते हैं।’’
उन्होंने बताया, ‘‘हमने तिरुवनंतपुरम से भाजपा उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर के चुनावी हलफनामे का मामला भी चुनाव आयोग के सामने रखा है। इसके अलावा, हमने त्रिपुरा में उम्मीदवारों के सामने चुनाव अधिकारियों द्वारा खड़ी की जा रही बाधाओं पर भी अपनी बात रखी है।’’ कांग्रेस का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने चुनावी हफलनामे में अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर गलत जानकारी दी है।