विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसकी नीयत मस्जिद में मंदिर खोजने की है। इसका जवाब देते हुए योगी ने कहा, “एक पक्ष (महाकुंभ) वह है, जो आपके सामने उद्धरण के रूप में है, प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्‍या आवश्‍यकता है। लेकिन दूसरा पक्ष वह भी है, जब 26 फरवरी को संभल में 56 वर्षों के बाद शिव मंदिर में जलाभिषेक का कार्यक्रम हुआ।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “अकेले संभल में एक शरारत के तहत 68 तीर्थों और 19 कूपों की निशानी मिटाने की कोशिश की गई। उन्हें खोजना हमारा काम था। हमने 54 तीर्थ खोजे और 19 कूपों को भी ढूंढ निकाला।”

उन्होंने कहा, “68 तीर्थों में से 54 को ढूंढना हमारी विरासत का हिस्सा है। हमने तो यही कहा है-जो हमारा है, हमें मिल जाना चाहिए, हम उससे इतर कहीं नहीं जा रहे हैं। 19 कूपों को मुक्त कराया गया है। सच कड़वा होता है, उसे स्वीकार करने का सामर्थ्य होना चाहिए।”

संभल में पिछले साल 19 नवंबर से ही तनाव का माहौल है, जब अदालत के निर्देश पर एक मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी। इस सर्वे का आदेश इस दावे के बाद दिया गया था कि मस्जिद स्थल पर पहले हरिहर मंदिर था।

शहर में 24 नवंबर को दूसरे दौर के सर्वेक्षण के दौरान प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों की सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प हो गई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों अन्य घायल हो गए थे। इसके बाद संभल में खुदाई में 54 तीर्थ और कूप मिले।

भाजपा पर पुलिस की मदद से उपचुनावों में जीत हासिल करने के नेता प्रतिपक्ष के आरोप पर योगी ने कहा, “आपने उपचुनावों की चर्चा की। आपके यहां चुनाव के एक्‍सपर्ट शिवपाल जी हैं और चुनाव कैसे जीते जाते हैं, ‘चच्‍चू’ (शिवपाल) से ज्यादा बेहतर कौन जानता है। यह तो हम लोगों ने भी देखा है, बहुत नजदीक से महसूस किया है।”

उन्होंने कहा, “पर उपदेश कुशल बहुतेरे। आप लोग दूसरों को उपदेश देते हैं, लेकिन खुद उन्हें आचरण में उतारा होता, तो संभवत: इतनी करारी हार नहीं मिलती।”

विपक्ष के कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने पर योगी ने कहा, “आप कानून-व्यवस्था की बात कर रहे थे। 45 दिनों में 66.30 करोड़ से अधिक श्रद्धालु और पूज्य संत देश-दुनिया से प्रयागराज पहुंचे। इनमें से कम से कम आधी संख्या तो महिलाओं की रही। एक भी छेड़खानी की घटना नहीं हुई, एक भी अपहरण की घटना नहीं हुई, एक भी लूट, हत्या की घटना नहीं हुई। एक भी ऐसा उदाहरण नहीं है, जो उत्तर प्रदेश, भारत और सनातन धर्मावलंबियों को कठघरे में खड़ा करता हो।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि 66 करोड़ से अधिक लोग आए और खुशी खुशी सुरक्षित अपने घर लौट गए। उन्होंने कहा, “महाकुंभ में जिसने भी पवित्र स्नान किया, अभिभूत होकर गया। यह भारत की विरासत का ऐसा अनुपम उदाहरण है, जिसे हम शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते।”

योगी ने कहा, “हम अक्सर देखते हैं कि विदेशी मीडिया भारत के बारे में बहुत नकारात्मक टिप्पणी करता है। लेकिन महाकुंभ को लेकर विदेशी मीडिया ने भी टिप्पणी की कि अमेरिका की कुल आबादी से ज्यादा लोग महाकुंभ मेले में जुटे। महाकुंभ मानवता का सबसे बड़ा समागम था। यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समारोह था।”

उन्होंने कहा कि महाकुंभ मेले का आयोजन एक अग्नि परीक्षा थी, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें खरी उतरीं।

योगी ने कहा, “यह हमारे सनातन धर्म के लिए गौरव की बात है। यह सिर्फ आध्यात्मिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि इस आयोजन से हमारी अर्थव्यवस्था को साढ़े तीन लाख करोड़ का लाभ होने की उम्मीद है।”

बजट पर चर्चा करते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा कि देश का सबसे बड़ा राज्य, सबसे अधिक संसाधन होने के बावजूद 1950 से 2017 तक प्रदेश की जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) 12.75 लाख करोड़ तक पहुंच सकी।

उन्‍होंने कहा कि 2017 में जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों पर भरोसा जताया और आज आठ वर्षों में प्रदेश की जीएसडीपी दोगुनी से अधिक होकर 2024-25 में 27.51 लाख करोड़ होने जा रही है।

योगी ने कहा कि देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पादन) में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-2024 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत थी, जबकि उत्तर प्रदेश की वृद्धि दर 11.6 फीसदी रही।