आम आदमी पार्टी ने कुमार विश्वास को राजस्थान प्रभारी पद से हटा दिया है। उनके स्थान पर अब पार्टी के कोषाध्यक्ष दीपक वाजपेयी को राजस्थान का प्रभारी बनाया है। वहीं, विश्वास ने ट्वीट कर कविता की पंक्तियों के जरिए वार किया है।
आम आदमी पार्टी नेता आशुतोष ने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने यह फैसला लिया है। कुमार विश्वास अपनी व्यस्तताओं के चलते प्रदेश में पार्टी के लिए समय नहीं निकाल पा रहे थे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में नवंबर- दिसंबर में चुनाव होने हैं। पीएसी की राजस्थान को लेकर लंबी बैठक हुई। पार्टी ने राजस्थान में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पिछले दिनों दीपक वाजपेयी राजस्थान की ढेरों विधानसभा और जिलों में गए। जयपुर में ही संगठन को मजबूत कर रहे हैं। कई प्रत्याशियों पर विचार शुरू हो गया है। तमाम सीटों पर सर्वेक्षण चल रहा है। राजस्थान के सीकर में हालात खराब है। बिजली, पानी व भ्रष्टाचार चरम पर है
विश्वास ने कविता ट्वीट कर किया वार
इस बीच कुमार विश्वास ने एक कविता ट्वीट की है। माना जा रहा है कि उन्होंने इशारों-इशारों में अपने दिल की बात कही है। कविता की पंक्तियों 'हम शब्द-वंश के हरकारे, सच कहना अपनी परम्परा। हम उस कबीर की पीढ़ी, जो बाबर-अकबर से नहीं डरा' के जरिए उन्होंने अपनी बात कही। यही नहीं अगली पंक्ति में उन्होंने लिखा 'पूजा का दीप नहीं डरता, इन षड्यंत्री आभाओं से वाणी का मोल नहीं चुकता, अनुदानित राज्य सभाओं से।'
अमानतुल्लाह मामला है वजह
कुमार विश्वास के करीबी सूत्रों का मानना है कि पार्टी ने अपने बयान में पीएसी की लंबी मीटिंग के बाद यह फैसला लेने की बात कही है, जो गलत है। ऐसी किसी भी बैठक की सूचना कुमार विश्वास को नहीं मिली, जबकि वह भी पीएसी के मेंबर हैं। यदि पीएसपी के एक सदस्य को सूचना ही नहीं है तो फिर कोरम कैसे पूरा हुआ? इस तरह से हटाए जाने का साफ मतलब है कि पार्टी ने अमानतुल्लाह मामले पर षड्यंत्र के पर्दाफाश के चलते यह फैसला लिया गया है। यह फैसला उस वक्त भी लिया जा सकता था, लेकिन कार्यकर्ताओं की नाराजगी के चलते तब ऐसा नहीं किया गया।
कौन हैं दीपक वाजपेयी
कुमार विश्वास की जगह राजस्थान में जिम्मेदारी संभालने वाले दीपक वाजपेयी बहुत चर्चित चेहरा नहीं रहे हैं। हालांकि उन्हें अरविंद केजरीवाल के करीबी लोगों में शुमार किया जाता है। वह पार्टी के कोषाध्यक्ष हैं और शीर्ष निर्णायक संस्था कही जाने वाली पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी के सदस्य भी हैं।