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पीएम मोदी से मिलने की बजाए सीएम अमरिंदर का राजघाट जाना नाटक: भगवंत मान

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यत्र व सांसद भगवंत मान ने मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह को महा ड्रामेबाज...
पीएम मोदी से मिलने की बजाए सीएम अमरिंदर का राजघाट जाना नाटक: भगवंत मान

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यत्र व सांसद भगवंत मान ने मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह को महा ड्रामेबाज करार देते हुए कहा कि कैप्टन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की बजाए अब राजघाट (महात्मा गांधी की मूर्ति के समक्ष) जा कर एक ओर नाटक कर रहे हैं। मान अनुसार ऐसी ड्रामेबाजी पंजाब के लोगों को गुमराह और किसानी संघर्ष को तारपीडो करने की साजिशों का ही हिस्सा है।
 
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा भगवंत मान ने कहा,‘‘पहली बात तो यह है कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह अपना लाम-लकशर लेकर देश के राष्ट्रपति से किस लिए मुलाकात करने की मांग कर रहे हैं। हर कोई समझता है कि काले कानूनों को वापस लेना और एमएसपी पर गेहूं-धान समेत सभी फसलों की खरीद की गरंटी का फैसला प्रधान मंत्री के हाथ में है। फिर कैप्टन प्रधान मंत्री को मिलनी की बजाए इधर-उधर की ड्रामेबाजी किस को बेवकूफ बनाने के लिए कर रहे हैं? असल में कैप्टन अमरिन्दर सिंह बहुत चालाकी के साथ किसानों को भावनात्मिक तौर पर गुमराह कर रहे हैं।’’
 
भगवंत मान ने कहा, ‘‘पहले जिस तरह विशेष सत्र के द्वारा पंजाब और विरोधी दलों को धोखे में रख कर केंद्र के काले कानूनों में ही फर्जी संशोधन का नाटक किया, फिर मालगाड़ीयां चलाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय प्रधान जे.पी नड्डा को चिठ्ठी लिख कर नाटक किया। फिर फर्जी और निकम्मे कानूनों पर राज्यपाल पंजाब के हस्ताक्षर हुए बिना  राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगने का नाटक किया, राष्ट्रपति द्वारा मिलने से मना कर देने पर राजघाट जा कर बैठना भी एक ओर नाटक है।’’
 
भगवंत मान ने कहा कि यदि पंजाब विधान सभा में मोदी के कानूनों में संशोधन करने की बजाए एमएसपी पर सरकारी खरीद की गारंटी वाला अपना (स्टेट) कानून पास किया होता तो उस कानून को कानूनन तौर पर कोई अडचन नहीं आनी थी।
 
भगंवत मान ने कहा कि मुख्यमंत्री को मोदी के साथ मिल कर किसानी संघर्ष को कमजोर करने और भोले भाले किसानों को गुमराह करने की बजाए मोदी से काले कानून वापस करवा कर एमएसपी पर सरकारी खरीद की गारंटी यकीनी बनाने और या फिर अपने स्तर पर एमएसपी पर खरीद की गारंटी को कानूनी रूप दें, क्योंकि इस के बिना किसानों के हितों की पूर्ति नहीं हो सकती। मान ने कहा कि यदि कैप्टन इतना भी नहीं कर सकते तो गद्दी छोड़ दें।

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