जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा और संघ पर चुनावी फायदे के लिए धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने भाजपा-संघ को लोगों की भावनाओं का दुरुपयोग नहीं करने की नसीहत भी दी है। गुजरात विधानसभा चुनावों को धर्म के आधार पर बिगाड़े जाने पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने यह बात कही।
अब्दुल्ला ने कहा कि धार्मिक आधारों पर बांटने का बढ़ता चलन राष्ट्र हित के लिए घातक है। यह भारतीय राजनीतिक की सबसे दुखद गतिविधि है। ऐसी प्रवृत्ति को किसी भी कीमत पर खत्म किया जाना चाहिए। राजनीतिक उद्देश्यों के लिए मंदिर, मस्जिद जैसे मुद्दों पर लोगों को भड़काने के प्रयासों की निंदा करते हुए कहा कि भारत किसी खास धर्म के लोगों का नहीं है। यह कई रंगों के खूबसूरत फूलों का एक गुलदस्ता है। धर्मनिरपेक्ष देश में सभी धर्म के मानने वाले लोगों के पास समान अधिकार है। उन्होंने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बुराई को खत्म करने की पहल करनी चाहिए।