पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद पाला बदलने की राजनीति शुरू हो गई है। चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल होने वाले हावड़ा जिला के डोमजूर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक और बंगाल के पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी ने शनिवार को तृणमूल नेता और पार्टी के मसचिव कुणाल घोष के घर जाकर उनसे मुलाकात की। राजीव की इस मुलाकात के बाद उनके भाजपा छोड़कर ममता बनर्जी की शरण में जाने की चर्चा तेज हो गयी। इससे पहले बीजेपी के बड़े नेता मुकुल रॉय शुक्रवार को सीएम ममता बनर्जी की मौजूदगी में फिर से टीएमसी में शामिल हुए थे जिससे बीजेपी का खासा झटका लगा है।
हालांकि, राजीव और कुणाल दोनों ने कहा कि यह उनकी अनौपचारिक मुलाकात थी। इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। कुणाल घोष ने कहा कि यह यह शिष्टाचार मुलाकात थी। फिर राजीव बनर्जी ने भी यही बात दोहरायी। उन्होंने कहा कि वे बस कुणाल घोष से मिलने आये थे, इसमें कोई राजनीति नहीं है।
चुनाव से पहले जितने लोग तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, वे सभी अब वापस तृणमूल कांग्रेस में लौटना चाहते हैं। इनमें पूर्व विधायक सोनाली गुहा और दीपेंदु विश्वास हैं। कुछ अन्य नेताओं ने भी कथित तौर पर 'घर वापसी' की उम्मीद में पार्टी नेतृत्व को संदेश भेजे हैं। हालाकि कल ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि वे गद्दारों को पार्टी में वापस नहीं लेंगी।