टीडीपी का सूपड़ा साफ करते हुए वाईएसआरसीपी के जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश के सीएम बनने जा रहे हैं। शनिवार को उन्हें पार्टी के विधायक दल का नेता चुन लिया गया है।
जगन मोहन रेड्डी ने 2009 में कांग्रेस से अलग होकर वाईएसआर कांग्रेस की नींव रखी थी। 10 साल बाद वह अब मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रचेंगे। 2009 में उनके पिता और आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ वाईएस राजशेखर रेड्डी की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी।
बनाई अलग पार्टी
29 नवंबर 2010 को उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सात दिसंबर 2010 को उन्होंने घोषणा की कि वह 45 दिनों में अपनी नई राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे। पूर्वी गोदावरी में मार्च 2011 में उन्होंने घोषणा की कि उनकी पार्टी का नाम वाईएसआर कांग्रेस होगा। इसके बाद उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से कडप्पा चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ा और उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की।
बड़ी पार्टी बनकर उभरी वाईएसआरसीपी
आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए हुए चुनाव में वाईएसआरसीपी को 151 सीटें मिली हैं और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है। उनकी जीत का श्रेय पदयात्रा को जाता है। 2014 में चुनाव हारने के बाद जगन मोहन ने आंध्र प्रदेश में कडप्पा से श्रीकाकुलम तक यात्रा निकाली। इससे उन्होंने जनसंपर्क बढ़ाया जिसका फायदा उन्हें चुनाव के नतीजों में मिला।
जब राजशेखर रेड्डी बने थे प्रतिपक्ष के नेता
कांग्रेस लगातार दो कार्यकाल 1994 से 1999 तक आंध्र प्रदेश में विपक्ष में रही थी। वह 1994 में हार गई थी और विपक्ष में बैठना पड़ा था। तब दिवगंत नेता पी जर्नादन रेड्डी विपक्ष के नेता थे और राजशेखर रेड्डी कडप्पा सीट से लोकसभा सांसद थे। 1999 में ऐसी उम्मीद थी कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में जनार्दन रेड्डी ने जो काम किया है उसके बलबूते कांग्रेस यहां से जीत रही है, लेकिन कांग्रेस यह चुनाव हार गई और राजशेखर रेड्डी जो पुलिवेंदला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे फिर से नेता प्रतिपक्ष बने।