पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बिहार के दो क्षेत्रीय दल अपने लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं। राजद और जदयू ने तैयारियां तेज कर दी है। इसमें से लालू यादव की पार्टी राजद बंगाल चुनाव में बिहार में अपने सहयोगी वाम दलों और भाजपा की दुश्मन नंबर एक तृणमूल (टीएमसी) में किसी एक को चुनने की चुनौती का सामना कर रही है। हालाकि राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में नेताओं ने इन पार्टियों से कई दौर की बात की है लेकिन अभी तक बात नहीं बन पाई है। यह तय माना जा रहा है कि वह भाजपा को हराने के लिए पांच सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने जा रहा है।.
समझा जाता है कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से राजद को पांच सीटें चाहिए। इनमें बड़ा बाजार, भाटपाड़ा, रानीगंज, खडगपुर, जमुडिया और पंडेश्वर की सीट है। ये सारी सीटें सीमांचल से सटे बंगाल के जिलों में है।. अगर ये पांच सीटें राजद को नहीं मिली तो राजद बड़ा फैसला ले सकती है।
नयी दिल्ली में मंगलवार और बुधवार को लगातार दो दिन राजद के शीर्ष नेताओं की बैठक भी हुई। बैठक में राष्ट्रीय प्रधान सचिव अब्दुल बारी सिद्धिकी ,राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक, राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा और नेता प्रतिपक्ष के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव उपस्थित रहे। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक राजद उन सीटों पर भाजपा का खेल बिगाड़ेगी, जहां जदयू या हम उसे मदद करेंगे।
भाजपा को हराने के लिए राजद तृणमूल की तरफ झुक रही है, लेकिन उसकी परेशानी यह है कि बिहार में उसके सहयोगी वाम दल वहां उससे मदद की उम्मीद कर रहे हैं चूंकि तृणमूल और वाम दलों वहां एक दूसरे के विरोध में उतर रहे हैं, इसलिए राजद को फैसला करने में दिक्कत आ रही है।