शिवसेना के मुखपत्र सामना की प्रतियां जलाने की चेतावनी देने वाले एक स्थानीय भाजपा नेता को कड़ा जवाब देते हुए शिवसेना ने कहा कि ऐसा करना आरएसएस की विचारधारा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मूल आदर्शों को आग के हवाले करने जैसा होगा। पार्टी के मुखपत्र, सामना में छपे संपादकीय में कहा गया, राजनीति मटमैली हो गई है। हर किसी को आलोचना का अधिकार है, लेकिन सच बोलने की कोशिश करने वाले लोगों की आवाजें दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक दबाई जा रही हैं। यह सत्ता के दिमाग पर हावी हो जाने का उदाहरण है। शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने पिछले सप्ताह भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता माधव भंडारी के पुतले फूंके थे क्योंकि उन्होंने पार्टी के प्रकाशन मनोगत में एक लेख में उद्धव ठाकरे को इस गठबंधन से निकल जाने की चुनौती दी थी।
बाद में भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने शिवसेना या उसके मुखपत्र का नाम लिए बिना कथित तौर पर कहा था कि उसकी पार्टी को भी अपने नेताओं की छवि बिगाड़ने की कोशिश का विरोध करने का लोकतांत्रिक अधिकार है और भाजपा के कार्यकर्ता भी अखबार को जला सकते हैं। सामना ने शेलार का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग शिवसेना के सामने चुनौती रख रहे हैं, वे एक तरह से अपने ही कपड़े जला रहे हैं। संपादकीय में कहा गया, कई लोग अफवाहों का बाजार लगाते हैं और वहां सपने बेचते हैं। अफवाहें फैलाना अपराध है लेकिन उनकी राजनीति झूठ और अफवाहें फैलाने पर टिकी है। अगर वो सामना को जलाने की बात करते हैं तो उन्हें याद रखना चाहिए कि यह हिंदुत्व के विचार को और आरएसएस की विचारधारा को प्रधानमंत्री मोदी के मूल विचारों के साथ जलाने जैसा है। संपादकीय में कहा गया कि यदि शिवसेना के खिलाफ ऐसे आक्षेप जारी रहते हैं तो पार्टी मोदी द्वारा विकसित की जा रही हर स्मार्ट सिटी में पागलों के कम से कम पांच-दस अस्पताल बनाने की सिफारिश करेगी।