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बीएस-4 ‘साइकिल’ पर सवार

बहुजन समाज स्वाभिमान संघर्ष समिति (बीएस-4) का सपा में विलय हो गया है। बीएस-4 के संस्‍थापक और बसपा सरकार...
बीएस-4 ‘साइकिल’ पर सवार

बहुजन समाज स्वाभिमान संघर्ष समिति (बीएस-4) का सपा में विलय हो गया है। बीएस-4 के संस्‍थापक और बसपा सरकार में मंत्री रहे आर.के. चौधरी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के साथ पत्रकारों से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि देश में सांप्रदायिक ताकतें उभर रही हैं। इसका मुकाबला करने और देश एवं राज्य से भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए बीएस-4 का सपा में विलय किया गया है।

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की नीतियों से जनता परेशान है। लोगों को सरकार बेवकूफ बना रही है। सरकार की नीयत लोगों के कल्याण की नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा की विभाजनकारी राजनीति अब नहीं चलेगी। सपा इसे रोकेगी। इस दौरान भाजपा के पूर्व मंत्री स्वामी ओमवेश और बसपा के पूर्व सांसद रामशंकर भार्गव भी सपा में शामिल हुए।

कांशीराम के थे करीबी  

आरके चौधरी बसपा के संस्‍थापक कांशीराम के करीबी थे। पार्टी में जैसे-जैसे मायावती का कद बढ़ा उनका प्रभाव घटने लगा। 2001 में बीएसपी प्रमुख मायावती ने चौधरी को पार्टी से निकाल दिया था। बीएसपी से निष्कासन के बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी बीएस-4 बनाई। पिछले लोकसभा चुनाव से पहले वह वापस बीएसपी में आ गए थे। बीएसपी ने उन्हें मोहनलालगंज संसदीय क्षेत्र से टिकट दिया, लेकिन वह भाजपा उम्मीदवार से हार गए थे। इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बसपा छोड़ दी थी। उनके आने से सपा को दलित समाज में गैर जाटव चेहरे का एक बड़ा नेता मिल गया है।

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