केंद्र की मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच एक बार फिर से टकराव देखने को मिला है। इस बार यह टकराव केंद्र सरकार के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इटली जाने की इजाजत नहीं देने से कारण हुआ है। इस साल अक्टूबर में वेटिकन में होने वाले विश्व शांति सम्मेलन में सीएम ममता भाग लेने जाने वाली थीं, लेकिन केंद्र सरकार ने इजाजत देने से इनकार कर दिया है। इस पर ममता ने पलटवार करते हुए कहा कि आप पूरी तरह से ईर्ष्यालु हैं।
ममता बनर्जी ने कहा कि रोम में विश्व शांति पर एक सभा थी, जहां उन्हें आमंत्रित किया गया था। जर्मन चांसलर, पोप (फ्रांसिस) को भी भाग लेना है। इटली ने मुझे शामिल होने की विशेष अनुमति दी थी, फिर भी केंद्र ने मंजूरी से इनकार करते हुए कहा कि यह सीएम के लिए सही नहीं है।
केंद्र पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “आप मुझे रोक नहीं पाओगे। मैं विदेशों में जाने के लिए उत्सुक नहीं हूं, लेकिन यह राष्ट्र के सम्मान के बारे में था। आप (पीएम मोदी) हिंदुओं की बात करते रहें, मैं भी एक हिंदू महिला हूं, आपने मुझे अनुमति क्यों नहीं दी? आप पूरी तरह से ईर्ष्यालु हैं।”
उन्होंने कहा, “हमें अपनी आजादी की रक्षा करनी है। भारत में 'तालिबानी' बीजेपी नहीं चल सकती।बीजेपी को हराने के लिए टीएमसी ही काफी है। 'खेला' भबनीपुर से शुरू होगा और पूरे देश में हमारी जीत के बाद खत्म होगा।”
एक टीएमसी नेता ने बताया, ''एक खत में विदेश मंत्रालय ने बताया है कि यह कार्यक्रम किसी राज्य के मुख्यमंत्री की भागीदारी के लिए स्थिति के लिए अनुरूप नहीं है।'' टीएमसी ने केंद्र सरकार के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे प्रतिशोध की राजनीति बताया है।
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के नेता देबांशु भट्टाचार्य देव ने ट्वीट करते हुए कहा, “केंद्र सरकार ने दीदी की रोम यात्रा की अनुमति नहीं दी! पहले वे चीन यात्रा की अनुमति भी रद्द कर चुके हैं। हमने अंतरराष्ट्रीय संबंधों और भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए उस फैसले को स्वीकार किया। अब इटली मोदी जी क्यों? बंगाल से आपको क्या दिक्कत है? छी!
'पीस कॉन्फ्रेंस' कार्यक्रम 6 और 7 अक्टूबर को रोम में होने वाला है। कार्यक्रम के आयोजकों ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, पोप और इटली के शीर्ष राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित किया है। उनके साथ बंगाल की मुख्यमंत्री को भी न्यौता मिला था।