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बढ़ा विवाद, सपा में टूट की आशंका

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी समाजवादी पार्टी टूटने की कगार पर नजर आ रही है। इसकी वजह पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा टिकट से वंचित किए गए अखिलेश यादव के समर्थक मंत्रिायों और विधायकों का यह कहना है कि मुख्यमंत्री पार्टी की आधिकारिक सूची के समानांतर अपनी अलग सूची जारी कर सकते हैं।
बढ़ा विवाद, सपा में टूट की आशंका

विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को जारी 325 उम्मीदवारों की सूची से नाखुश अखिलेश ने आज सपा मुखिया से भेंट की और फिर पार्टी टिकट से वंचित विधायकों के साथ अपने सरकारी आवास पर बैठक की। मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद टिकट से वंचित सपा विधायक इंदल सिंह ने कहा कि अखिलेश उम्मीदवारों की अपनी सूची जारी कर सकते हैं।

अखिलेश समर्थक खेमे के सूत्रों की मानें तो उन्होंने पार्टी की आधिकारिक सूची के समानांतर 167 उम्मीदवारों की सूची तैयार की है, जो अलग-अलग चिह्नों पर चुनाव लड़ेंगे और यदि इस बात में सच्चाई है तो माना जा सकता है कि सत्ताधारी पार्टी में कभी भी विभाजन हो सकता है।

पार्टी में वर्चस्व को लेकर मुख्यमंत्री और उनके चाचा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच चल रही जंग कल अपने चरम को छूती दिखाई दी, जब मुलायम ने अखिलेश की लगभग अनदेखी करते हुए 403 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए 325 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। इंदल सिंह ने मुख्यमंत्री के साथ टिकट पाने से वंचित विधायकों की बैठक के बाद कहा कि मुख्यमंत्री ने आज हमें बुलाया और अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर चुनाव की तैयारी में जुटने को कहा। वह नई सूची जारी करने वाले हैं।

तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में टिकट से वंचित विधायकों से मुलाकात के बाद अखिलेश अपने पिता मुलायम के आवास पहुंचे और उन्हें विधायकों के असंतोष से अवगत कराया। वहां से लौटने के बाद अखिलेश ने अपने आवास पर पुन: अपने नजदीकी और विश्वासपात्र नेताओं के साथ बैठक की। इस घटनाक्रम के बाद मुलायम ने शिवपाल को बुलावा भेजा। संभावना है कि वह ताजा स्थिति की समीक्षा करके आगे की रणनीति तय करेंगे।

इस बीच पार्टी से निष्कासन के बावजूद अखिलेश सरकार में मंत्री बने रहे अयोध्या से विधायक तेज नारायण उर्फ पवन पांडेय ने कहा कि हम अपने-अपने क्षेत्रों में जा रहे हैं, मेहनत से काम करेंगे और अखिलेश को फिर मुख्यमंत्री बनाएंगे। टिकट से वंचित एक अन्य विधायक और अखिलेश समर्थक अतुल प्रधान ने कहा कि  जो भी हो जाए, हम विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश ने प्रदेश के विकास के लिए बहुत काम किया है और हम उनके चेहरे पर चुनाव लड़ कर जीतेंगे।

मौजूदा घटनाक्रम को और धार देते हुए सपा मुखिया मुलायम के चचेरे भाई और पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव ने कहा कि पार्टी में ही कुछ ऐसे लोग है, जो नहीं चाहते कि अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बने। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रदेश की जनता तो अखिलेश को फिर मुख्यमंत्री बनाने का मन बना चुकी है।

मुलायम ने कल पार्टी उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद अखिलेश को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की संभावना को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि पार्टी में मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करके चुनाव लड़ने की प्रथा नहीं है।

इससे पहले, टिकट बंटवारे को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच मुख्यमंत्री एवं उनके चाचा शिवपाल ने सुबह अपने-अपने वफादारों से मुलाकात की। अखिलेश ने अपने सरकारी आवास, 5 कालिदास मार्ग, पर समर्थकों से मुलाकात की। बाद में उन्होंने पिता मुलायम से बात की। समझा जाता है कि विधानसभा की 403 सीटों में से 325 सीटों के लिए जारी उम्मीदवारों की सूची पर अखिलेश ने नाराजगी जताई है क्योंकि सूची में अखिलेश के करीबी लोगों के नाम गायब हैं। (एजेंसी)

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