शनिवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने चिराग पासवान और पशुपति पारस के नेतृत्व वाले लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के भीतर चल रहे विवादों को लेकर बड़ा फैसला किया है। चुनाव आयोग ने अब लोजपा के चुनाव चिन्ह 'बंगला छाप' को फ्रीज करने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि बिहार की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है। खबरों के मुताबिक इस मामले में चुनाव आयोग तीन विकल्पों पर विचार कर रहा था।
पहला ये कि अंतिम निर्णय होने तक पार्टी के चुनाव चिन्ह को अंतरिम आदेश के साथ फ्रीज करना और पार्टी के दोनों गुटों को अलग-अलग प्रतीकों पर उपचुनाव लड़ने की अनुमति देना।
दूसरा विकल्प ये भी देखा जा रहा था कि लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान के गुट के साथ चुनाव चिन्ह जारी रखना या तीसरा पशुपति कुमार पारस खेमे को लोजपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ने की अनुमति देना।
लेकिन, फिलहाल चुनाव आयोग ने लोजपा के चिन्ह को फ्रीज कर दिया है। यानी कोई फिलहाल इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
चाचा पारस और भतीजे चिराग के बीच कई महीनों से पार्टी में वर्चस्व और किसी पार्टी को लेकर विवाद चल रहा है। पारस का कहना है कि लोजपा अब उनकी पार्टी है क्योंकि, बहुमत उनके पास है। जबकि चिराग का कहना है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। इन सब के पीछे सीएम नीतीश का हाथ है। लेकिन, हाईकोर्ट भी चिराग को फटकार लगा चुका है।