पार्टी में रहते हुए योगेंद्र यादव शुरू से ही हरियाणा को काफी समय दे रहे थे। पार्टी में विवाद के समय जब खबरें मीडिया तक नहीं पहुंची थीं, उस समय पार्टी के अंदर हरियाणा राज्य बागी गुट को दिए जाने पर चर्चा भी हुई थी । बताया जाता है कि हरियाणा को लेकर अरविंद केजरीवाल उस वक्त से ही नाराज थे, जब योगेंद्र यादव ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वामपंथी विचारधारा से संबंध रखने वाले डी.के. चौधरी को पार्टी में शामिल किया था। केजरीवाल डीके चौधरी के पार्टी में आने से खफा थे।
अब हालात ये हैं कि हरियाणा राज्य से आम आदमी पार्टी और पार्टी से निष्कासित सदस्य दोनों ही अपनी दावेदारी नहीं छोड़ना चाहते। उधर बीती तीन मई को हुई पीएसी की बैठक में दिल्ली के विधायक नरेश बालियान को हरियाणा के लिए सह प्रभारी (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त कर दिया गया जिससे पार्टी के निष्कासित सदस्य काफी नाराज हैं। आप हरियाणा पूर्व प्रवक्ता राजीव गोदारा कहते हैं ‘ नरेश पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए शराब रखने का आरोप लगा था। पुलिस के इन आरोपों पर पार्टी के शराब मामले में उनकी जांच न करवाकर उन्हें हरियाणा का प्रभारी नियुक्त करना आम आदमी पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ हैं |’
गोदारा का कहना है ‘ नरेश बालियान की नियुक्ति के खिलाफ हम अपना विरोध पार्टी नेतृत्व के सामने दर्ज करवा रहें हैं | इस विरोध को सार्वजानिक तौर पर जाहिर करने के लिए हम बाध्य हैं, क्योंकि पार्टी का नेतृत्व किसी पत्र का संज्ञान तक नहीं ले रहा है।‘ यही नहीं पार्टी में राज्य सचिव परमजीत सिंह को भी आम आदमी पार्टी से हटाए जाने के संकेत मिल चुके थे। परमजीत योगेंद्र यादव के खास माने जाते हैं और पार्टी की हरियाणा में तमाम गतिविधियां देख रहे थे। आज जिन सदस्यों ने इस्तीफा दिया है वे हैं, डॉ. आशंवत, परमजीत सिंह, राजीव गोदारा, रमजान चौधरी, बलबीर सिंह,रुपिंदर कौर और प्रहलाद सिंह।