जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और गुपकार गठबंधन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गठबंधन के उम्मीदवारों के साथ किए जा रहे व्यवहार को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को बाधित करने के लिए बहाने के तौर पर सुरक्षा का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव के लिये गुपकार पीपल्स गठबंधन (पीएजीडी) के उम्मीदवारों को सुरक्षित स्थानों से दूर ले जाया जा रहा है, जबकि कुछ चुनिंदा प्रत्याशियों को सुरक्षा प्रदान की गयी है।
पूर्व सीएम ने राज्य चुनाव आयुक्त को डीडीसी चुनाव संबंधी लिखे एक पत्र में कहा, '' एक अजीब और अनोखी विशेषता सामने आयी है। सुरक्षा के नाम पर पीएजीडी के उम्मीदवारों को सुरक्षित स्थानों से दूर ले जाया जा रहा है। उन्हें प्रचार की अनुमति नहीं है, वे पूरी तरह से उन लोगों के संपर्क से बाहर हैं जिनसे उन्हें वोट मांगनी है। इससे पहले हमारी पार्टियां सत्ता में रही हैं और उन्हें सरकार का नेतृत्व करने और चलाने का अवसर मिला है।
उन्होंने कहा कि हम हिंसा से घिरे एक स्थान पर सुरक्षा के दायरे में आने वाली चुनौतियों से अवगत हैं। ये चुनौतियां नई नहीं हैं, लेकिन पिछले तीन दशकों से दर्दनाक रूप से सामने आ रही हैं। हमारी सरकार के पास ऐसी संरचनाएं थीं जो सभी उम्मीदवारों के लिये सुरक्षा सुनिश्चित करती थीं, चाहे वे जिस भी विचारधारा के हों या जिस भी दल का प्रतिनिधित्व कर रहे हों।''
उन्होंने कहा कि सुरक्षा एक चुनौती है और मौजूदा सरकार के लिये यह चुनौती है कि वह इसका ऐसे तरीके से मुकाबला करे जो उचित और पारदर्शी हो। कुछ चुनिंदा लोगों को सुरक्षा मुहैया कराना और अन्य लोगों को नजरबंद करना लोकतंत्र में दखल देना है।