आम आदमी पार्टी में गुटबाजी खुलकर सामने आ ई है। गुरुवार को पार्टी की राष्ट्रीय परषिद की बैठक में कुमार विश्वास और आप विधायक अमानतुल्ला के समर्थकों के बीच जमकर नारेबाजी हुई है और दोनों के समर्थकों ने एक दूसरे की गाडि़यां भी रोकी। कुमार विश्वास पार्टी के रवैये से खासे खफा दिखाई दिए और मंच से बुलाने के बाद भी संबोधन नहीं किया।
केजरीवाल और कुमार विश्वास की टीम में चल रहे शीत युद्ध के चलते कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति है। सवाल यह भी है कि छह माह पहले कुमार के समर्थन में खड़े विधायक अब भी उनके साथ खड़े होंगे। इससे पहले भी परिषद की बैठक हंगामेदार रही हैं। पूर्व में परिषद की बैठक में प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को निष्कासित किया जा चुका है।
गुरुवार को परिषद की बैठक से पहले ही हंगामे के आसार लग रहे थे। अमानतुल्ला का निलंबन वापस करने को लेकर यह विवाद लगातार बना हुआ था। परिषद की बैठक में जब केजरीवाल अपने काफिले के साथ निकल गए तो कुमार विश्वास समर्थकों ने विधायक अमानतुल्ला की गाड़ी रोकी तो अमानतुल्ला के समर्थकों ने भी कुमार की गाड़ी रोकी। दोनों के बीच जमकर नारेबाजी हुई। इस हंगामे से कुमार विश्वास खासे खफा दिखे। उन्होंने कहा कि मैं इस दिन के लिए जंतर मंतर या रामलीला मैदान नहीं गया था। यह मेरी पार्टी है। जो लोग अन्य पार्टी में नौकरी कर आए हैं वह पार्टी छोड़कर जाएंगे। मुझे लगता था कि भाजपा और कांग्रेस को मेरे बोलने से डर लगता है लेकिन कुछ और लोगों को मेरे बोलने से डर लगता है। पार्टी ने मुझे बोलने को नहीं कहा तो आज नहीं बोला। मैं पहले ही कहता था अमानतुल्ला तो केवल मुखौटा है।
राष्ट्रीय परिषद की बैठक के लिए तैयार एजेंडे से कुमार विश्वास का नाम गायब था। र्कायकर्ताओं के सवाल उठाने पर मनीष सिसौदिया ने उन्हें आमंत्रित कयि लेकिन विश्वास ने बोलने से मना कर दिया। पार्टी की तरफ से भेजे गए एजेंडे में कुमार विश्वास को पूरी तरह साइडलाइन् कर दिया गया था। अमानतुल्ला के निलंबन रद्द करने पर वह अपनी नाराजगी जता चुके थे जिससे पार्टी को बड़ा झटका लगा था। तभी से केजरीवाल और विश्वास समर्थकों में दरार दिखाई देने लगी थी। परिषद में बैठक में इस तरह के हंगामे की आशंका पहले ही थी।