उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली सरकार के बीच आईएएस अफसरों की अघोषित हड़ताल को लेकर टकराव बढ़ गया है। उपराज्यपाल ने जहां अफसरों में अविश्वास और डर का माहौल होने की बात कही है तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे सिरे से नकारते हुए उपराज्यपाल द्वारा प्रायोजित हड़ताल करार दिया है। उपराज्यपाल निवास में मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने तीन मंत्रियों के साथ धरने पर बैठे हैं तो उपराज्यपाल निवास के बाहर बेरिकेडिंग कर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। वहीं आप नेताओं ने उपराज्यपाल द्वारा अवैध हड़ताल के समर्थन का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि यह हड़ताल पीएमओ के कहने पर चुनी हुई सरकार के खिलाफ की जा रही है जिसे उपराज्यपाल बढ़ावा दे रहे हैं और दिल्ली की जनता इसे बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेगी। कई अधिकारियों ने बताया है कि हड़ताल खत्म करने पर राजनिवास की ओर से उन्हें नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई है। उन्होंने कहा कि आज अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो आईएएस अफसरों की हड़ताल करने की हिम्मत नहीं होती और डोर स्टेप डिलीवरी राशन की व्यवस्था कब की लागू हो चुकी होती।
उपराज्यपाल निवास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि अफसरों में डर और अविश्वास का माहौल है, जिसे सीएम ही दूर कर सकते हैं। जहां तक डोर स्टेर राशन डिलीवरी की फाइल की बात है तो वह खाद्य मंत्री इमरान हुसैन के पास ही है। उसके लिए केंद्र की मंजूरी जरूरी है जिसके लिए दिल्ली सरकार को ही कदम उठाने हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी बाकायदा दिल्ली सरकार की बैठकों में भाग ले रहे हैं और विरोध के बावजूद अपना काम कुशल तरीके से कर रहे हैं। सरकार की ओर से अफसरों के साथ सकारात्मक बातचीत की कोशिश तक नहीं हुई। आज भी तीन आईएएस अफसरों को विधानसभा से राहत के लिए कोर्ट जाना पड़ा।
मनीष सिसौदिया ने ट्वीट कर कहा है कि आखिर उपराज्यपाल अफसरों की हड़ताल के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाते जबकि हम पिछले तीन माहम में कई बार आग्रह कर चुके हैं।
सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा है कि यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है सर कि दिल्ली के गरीब का राशन आपके लिए 'गैरज़रूरी मुद्दा' है। गरीब आदमी से पूछ कर देखिए कि राशन चोरी रुकना और घर तक राशन पहुंचना उसके लिए कितना बड़ा मुद्दा है। सर हम आपके वेटिंग रूम में इंतज़ार में बैठे हैं। हमे उम्मीद है कि आपको यह कभी तो जरूरी लगेगा।
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा है कि उपराज्यपाल की प्रेस विज्ञप्ति से साफ है कि वह आईएएस अफसरों की अवैध हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं जबकि उन्हें अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थे।
आप नेता आतिशी मरलीना ने ट्वीट कर कहा है कि उपराज्यपाल निवास के बाहर केवल आप के बीस कार्यकर्ता हैं जबकि पुलिस के दो सौ से ज्यादा जवान लगा दिए गए हैं।
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके कैबिनेट के तीन मंत्रियों मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गोपाल राय के साथ उपराज्यपाल के वेटिंग रूम में ही धरने पर बैठ गए। उनकी मांग है कि आईएएस अफसरों की अघोषित अवैध हड़ताल को खत्म कराया जाए और राशन की डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम को मंजूरी दी जाए। उनका कहना है कि हड़ताल के चलते दिल्ली के कई जनहित के काम प्रभावित हो रहे हैं। शाम को उन्होंने उपराज्यपाल से मुलाकात तथा मांगे मानने से इंकार करने पर वहीं डटे रहने का फैसला लिया।