नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव कराने की मांग करते हुए कहा कि अगर लोकसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराये जा सकते हैं, तो विधानसभा चुनाव क्यों नहीं कराये जा सकते।
ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के इस आरोप पर कि किसान आंदोलन के दौरान सरकार द्वारा सोशल मीडिया कंपनी पर दबाव डाला गया था, अब्दुल्ला ने बडगाम जिले के मागम में संवाददाताओं से कहा कि वह ‘सच’ नहीं जानते।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘उनका (डोर्सी का) हमारे मंत्री के साथ विवाद है। उन्होंने (डोर्सी ने) एक ट्वीट किया और हमारे मंत्री ने इसके खिलाफ 10 ट्वीट किए।’’
जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष और भाजपा नेता दरक्शां अंद्राबी द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर ‘‘इंतजार’’ करने की सलाह देने के लिए अब्दुल्ला ने उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चुनाव का इंतजार क्यों करूं? मैडमजी (अंद्राबी) खुश होंगी। वह नहीं चाहतीं कि चुनाव हों क्योंकि उनकी पार्टी का सफाया हो जाएगा।’’
नेकां नेता ने कहा, ‘‘मैं उन्हें अच्छी तरह जानता हूं। मैं इसलिए कुछ नहीं कह रहा हूं क्योंकि वह एक महिला हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं। लेकिन, उन्हें निरर्थक बातें नहीं करनी चाहिए। लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। उन्हें विधानसभा चुनाव भी कराने दीजिए। यह कैसे हो सकता है कि वे संसदीय चुनाव और निकाय चुनाव करा सकते हैं लेकिन विधानसभा चुनाव नहीं।’’
अब्दुल्ला ने कहा कि ‘‘72 हूरें’’ जैसी फिल्में एक साजिश का हिस्सा हैं। हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘क्या हम इतने कमजोर हैं कि एक या दो फिल्में हमारे धर्म को नुकसान पहुंचा सकती हैं?’’
अब्दुल्ला ने दावा किया, ‘‘यह एक सोची-समझी साजिश है और जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आएंगे, आपको ऐसी कई गतिविधियां देखने को मिलेंगी। हमें सतर्क रहना होगा और ऐसी साजिश को नाकाम करने के लिए समझदारी से काम लेना होगा।’’