झारखंड में इंडिया गठबंधन का हालचाल ठीक नहीं दिख रहा। रविवार को भाकपा द्वारा इंडिया गठबंधन से इतर चार उम्मीदवारों की घोषणा कर दी तो सोमवार को राजद ने भी इंडिया गठबंधन के फार्मूले को खारिज कर पलामू के साथ चतरा सीट पर भी उम्मीदवारी का दावा ठोंका।
31 मार्च को इंडिया गठबंधन की रामलीला मैदान में रैली चल रही थी उसी समय रांची में गठबंधन दल में राष्ट्रीय स्तर पर शामिल भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (सीपीआई) झारखंड में अपने लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूची जारी कर रही थी। पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता आदि ने चार नामों की घोषणा करते हुए इसे पहली सूची बताया। 14 में से चार जिन लोकसभा सीटों के लिए भाकपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें पलामू से अभय भुइयां, लोहरदगा से महेंद्र उरांव, चतरा से अर्जुन कुमार व दुमका से राजेश कुमार किस्कू को अपना प्रत्याशी बनाया है। हजारीबाग से जहां से भाकपा के भुवनेश्वर मेहता दो बार सांसद रहे हैं वहां से उम्मीदवार देने की तैयारी चल रही है। हालांकि भाकपा का यह स्टेप पहले से संभावित था।
मार्च के दूसरे सप्ताह में ही भाकपा ने स्पष्ट कर दिय था कि भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है मगर इंडिया ब्लॉक की ओर से सीटों के बटवारे पर भाकपा से कोई बातचीत नहीं की गई है। ऐसे में भाकपा अकेले 14 में से अपने प्रभाव वाले आठ सीटों क्रमश: रांची, हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, पलमू, गिरिडीह, दुमका और जमशेदपुर पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। हालांकि बाद में पार्टी के राज्य सचिव ने कहा कि हजारीबाग सहित भाकपा पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी इंडिया ब्लॉक से तालमेल में सिर्फ एक सीट हजारीबाग मांग रही थी जहां से पार्टी के भुवनेश्वर मेहता दो बार सांसद रह चुके हैं। इस सीट पर पार्टी का दावा बनता है। बहरहाल चार पांच सीटों पर भाकपा जीतने की हैसियत में भले न हो मगर पसंगा वोट के जरिये नतीजे को प्रभावित करने का हैसियत रखती है जिसका नुकसान इंडिया ब्लॉक को होगा। इधर राजद भी खुलकर सामने आ गया है। रविवार को हेमंत और चम्पाई सरकार में मंत्री रहे चतरा से राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता और प्रदेश राजद अध्यक्ष संजय सिंह यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि हमारा जनाधार चतरा और पलमू में काफी अच्छा रहा है, लड़ेंगे तो जीतेंगे भी। हमें हक मिलना चाहिए।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस, जेएमएम और राजद गठबंधन के दौरान राजद को सिर्फ पलामू सीट मिली थी। फार्मूले को दरकिनार कर राजद ने चतरा सीट पर भी उम्मीदवार दिया और कांग्रेस के साथ फ्रेंडली फाइट हुई थी। बता दें कि इंडिया गठबंधन की ओर से सीटों को लेकर मोटे तौर पर आपसी सहमति कांग्रेस 9, जेएमएम 5, राजद 1 और भाकपा माले 1 पर सहमति बनी है हालांकि औपचारिक तौर पर सीटों-उम्मीदवारों का एलान नहीं हुआ है। हां कांग्रेस ने खूंटी से काली चरण मुंडा, लोहरदगा से सुखदेव भगत और कुछ दिन पहले ही भाजपा से कांग्रेस में आये मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। तो भाकपा माले ने बगोदर से तीन टर्म के एमएलएम विनोद सिंह को कोडरमा से उम्मीदवार घोषित किया है। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि सातों सीटों पर कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार की घोषणा के बाद झामुमो अपनी सूची जारी करेगा।
जबकि एनडीए की ओर से उम्मीदवारों का एलान हो गया है। भाजपा ने 13 और आजसू ने एक सीट पर उम्मीदवारों के नामों की भी घोषणा कर दी है। भाजपा की 11 सदस्यों की पहली सूची तो एक पखवाड़ा पहले ही जारी कर दी गई। इससे भाजपा को उम्मीदवारों के चयन से उपजे असंतोष को हैंडल करने का मौका मिल गया। हां भाजपा में हिस्ट्रीशीटर ढुलू महतो को धनबाद से उम्मीदवार बनाये जाने और एक भी राजपूत को टिकट नहीं मिलने पर ज्यादा उबाल है। करीब पांच लाख वोटों से जीतने वाले पीएन सिंह का टिकट काटकर ढुलू महतो को उम्मीदवार बनाया गया है। हजारीबाग, चतरा और पलामू सीट पर भी भाजपा के निर्णय को लेकर पार्टी में असंतोष है। सीटों पर बात छोड़ भी दें तो इंडिया ब्लॉक के भीतर कुछ सीटों पर पार्टी के नेता बागी तेवर अपनाये हुए हैं। लोहरदगा से कांग्रेस ने सुखदेव भगत को उतारा है तो यहां विशुनपुर से झामुमो विधायक चमर लिंडा चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोंक रहे हैं। झामुमो ने भी कह दिया कि कांग्रेस जीत की गारंटी करे।
पिछले चुनाव में भाजपा के सुदर्शन भगत यहां चंद हजार वोटों से जीते थे। चमरा लिंडा मैदान में उतरे तो भाजपा का रास्ता आसान हो जायेगा। अपनी ही सरकार पर लगातार आक्रामक रहे संताल परगना के बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम राजमहल सीट से लड़ने को उताबले हैं। निर्दलीय लड़ने की चेतावनी तक दे चुके हैं। भाजपा के कब्जे वाली दुमका सीट से जेल से ही हेमंत सोरेन के लड़ने का कयास लगाया जा रहा था मगर पार्टी ने इसे नकार दिया है। दुमका की तस्वीर भी अभी पूरी तरह साफ नहीं है।