मांझी ने राजद सांसद पप्पू यादव को पार्टी से निकाले जाने के एक दिन बाद नए दल के गठन का ऐलान किया। पप्पू मांझी के समर्थन में पहले से ही थे लेकिन नई पार्टी में वे शामिल होंगे या नहीं इस पर संशय बना हुआ है। आउटलुक से बातचीत में पप्पू ने कहा कि सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए वह लगातार कदम बढ़ा रहे हैं और समय आने पर सही फैसला लिया जाएगा।
शुक्रवार को पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मांझी ने नई पार्टी के गठन की घाेषणा की और कहा कि बिहार की सभी २४३ सीटों पर उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। लेकिन तकनीकी कारणों से मांझी और जदयू के १७ बागी विधायकों का नाम पार्टी की सूची में नहीं शामिल किया गया है।
मांझी ने कहा कि जल्द ही चुनाव आयोग में नई पार्टी के पंजीयन के लिए दस्तावेज जमा किए जाएंगे और पंजीकरण हो जाने के बाद हम इसका हिस्सा बन जाएंगे। शकुनी चौधरी और जदयू के दो बागी विधायकों नीतीश मिश्रा एवं अनिल कुमार के साथ संवाददाता सम्मेलन में मांझी ने कहा कि बिहार की जनता के साथ जो सियासी दलों ने धोखा किया है उसका पर्दफाश करेंगे।
जदयू से निकाले जाने और मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद मांझी और उनके समर्थक विधायकों ने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा नाम का एक गैर-राजनीतिक संगठन बनाया था जिसे अब राजनीतिक पार्टी का रूप दे दिया गया।
पार्टी की बिहार इकाई में 108 नेताओं के नाम हैं। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व-सांसद ब्रह्मदेव पासवान और पूर्व राज्य मंत्री एवं विधायक गणेश यादव, राम कुमार यादव, ओम प्रकाश पासवान, के डी यादव और रामचंद्र प्रसाद सिंह जैसे नेताओं के नाम हैं। मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह नई पार्टी के दुश्मन नंबर एक हैं।