झारखण्ड मुक्ति मोर्चा पश्चिम बंगाल में विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेगा बल्कि विरोधी मतों को बिखरने से बचाने के लिए ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का साथ देगा। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के विधानसभा चुनाव लड़ने पर जारी संशय पर विराम लग गया है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शुक्रवार को इसका एलान किया। कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सहयोग मांगा था। फोन किया था और पत्र भी लिखा था। हेमन्त सोरेन ने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता से दूर रखने के इरादे से यह निर्णय लिया गया है। हेमन्त सोरेन ने कहा कि वे चुनाव अभियान में ममता बनर्जी के साथ रहेंगे।
बता दें कि पश्चिम बंगाल के झारग्राम में झामुमो की चुनावी सभा को खुद मुख्यमंत्री ने संबोधित किया था और चालीस सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया था। उनके इस बयान के बाद ममता बनर्जी ने नाराजगी जाहिर की थी। बंगाल में अनेक आदिवासी बहुल इलाके हैं और अनेक सीटें झारखण्ड सीमा से लगती हैं। वहां 16 विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित भी है। यह बात अलग है कि झामुमो बीते तीन दशक में सात चुनाव लड़ने के बावजूद कोई सफलता हासिल नहीं कर सका और एक प्रतिशत वोट भी नहीं झटक सका। मगर बदली हुई परिस्थिति में झामुमो का वहां महत्व है। राजद पहले ही ममता बनर्जी की पार्टी को समर्थन का एलान कर चुका है। हालांकि उसकी इच्छा वहां पांच-छह सीटों पर लड़ने की थी। वहीं भाजपा ने झारखण्ड में अपनी सहयोगी पार्टी आजसू को एक सीट देकर मना लिया है।
इधर भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि झामुमो ने पश्चिम बंगाल में हथियार डाल दिये। बिहार की तरह बंगाल में भी उसका खाता नहीं खुलने वाला था। इसे समझते हुए नेतृत्व मैदान छोड़कर भाग खड़ा हुआ। चुनाव न लड़ने का एलान कर दिया।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    