आम आदमी पार्टी ने पंजाब के विधानसभा चुनाव के लिए युवाओं के लिए जो घोषणापत्र जारी किया था उसके मुखपृष्ठ पर स्वर्ण मंदिर की तस्वीर के साथ अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह झाड़ू नज़र आ रहे थे। पंजाब की सियासी पार्टियों, ख़ासतौर से शिरोमणि अकाली दल ने इस तस्वीर को बड़ा मुद्दा बनाया था और कहा था कि हरमंदिर साहिब के साथ झाड़ू की तस्वीर लगाना सिखों का अपमान है। इस विवाद के बाद ही केजरीवाल ने स्वर्ण मंदिर में अरदास कर माफी मांगी।
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मामले को तूल पकड़ता देख पहले ही कह दिया था कि जाने-अनजाने में उनसे बहुत बड़ी भूल हुई है। अब अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि स्वर्ण मंदिर में मत्था टेक कर, सेवाएं देकर और बर्तन साफ़ कर वो जाने-अनजाने में हुई पार्टी की भूल सुधारना चाहते हैं।
मीडिया के अनुसार केजरीवाल ने 2017 के चुनावों को देखते हुए इस तरह का कदम उठाया है। वो नहीं चाहते कि किसी भी तरह सिखों को नाराज़ कर उनके वोट गंवाए जाएं। इसीलिए उन्होंने हरमंदिर साहिब में मत्था टेकर अपनी ग़लती के लिए क्षमा मांगी है"।
इससे पहले आप नेता आशीष खेतान ने आम आदमी पार्टी के घोषणापत्र की तुलना गुरु ग्रंथ साहिब से की थी। इस बयान की भी पंजाब की सियासी पार्टियों ने काफ़ी आलोचना की थी। आशीष खेतान ने कहा था, "आम आदमी पार्टी के लिए ये घोषणापत्र बाइबिल भी है, गीता भी है और गुरुग्रंथ साहिब भी"। उनके इस बयान की सोशल मीडिया में भी काफ़ी आलोचना हुई थी। भाषा एजेंसी