दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद लगातार नकारात्मक खबरों की वजह से चर्चा में रहने वाली आप ने फिर से जनता से जुड़े मुद्दों को उठाना शुरू कर दिया है। बाईस अप्रैल के मार्च में केजरीवाल के अपने समर्थकों और विधायकों के साथ हिस्सेदारी करने की खबर इसी का एक उदाहरण है।
पिछले दिनों योंगेद्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ विवाद की वजह से पार्टी की काफी फजीहत हुई है। योगेंद्र और भूषण ने पार्टी के महत्वपूर्ण पदों से निकाले जाने के बाद नई पार्टी बनाने का विकल्प खुला रखा है। ऐसे में केजरीवाल जनता के मुद्दों को उठाकर खुद को उनसे आगे साबित करने की कोशिश भी कर रहे हैं।
अब तक योगेंद्र यादव पार्टी के किसान संगठन के प्रमुख रहे हैं और भूमि अधिग्रहण के खिलाफ उनकी ही पहलकदमी पर पार्टी आंदोलन कर रही थी। प्रशांत भूषण और मेधा पाटकर इसमें उनके सहयोगी थे। अब केजरीवाल इस मुद्दे को उठाकर किसानों के भी चैंपियन बनने की कोशिश कर रहे हैं। योंगेद्र यादव खेमा इस बीच खबरों में कम है।