महाराष्ट्र, बंगाल और राजस्थान की तरह अब गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य केरल ने भी राज्य में जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई आम सहमति को वापस ले लिया है। बुधवार को राज्य सरकार द्वारा किए गए फैसले के बाद अब सीबीआई को राज्य में किसी भी जांच को करने से पहले केरल सरकार से अनुमति लेनी होगी। इससे पहले पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार ने भी सीबीआई को राज्य में जांच के लिए दी गई आम सहमति वापस ले ली थी।
अब सीबीआई को केरल में कोई मामला दर्ज करने के लिए पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। गौरतलब है कि ठीक एक दिन पहले सीबीआई द्वारा सोना तस्करी की जांच शुरू करने के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने सीबीआई को निशाने पर लिया था। सीएम ने कहा था कि सीबीआई अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रही है, जिससे शासन के संघीय ढांचे के लिए खतरा पैदा हो गया है।
वहीं, केरल की विपक्षी पार्टी कांग्रेस और भाजपा ने सीबीआई को दी गई आम सहमति वापस लेने के फैसले के संबंध में सत्तारूढ़ पार्टी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की ओर से दिए गए सुझाव की आलोचना की थी। इन विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि वाम सरकार द्वारा किए गए ‘भ्रष्टाचार’ को राज्य सरकार छिपाना चाहती है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने पत्रकारों से कहा कि केरल सरकार सीबीआई जांच से भयभीत है। उन्हें यह साफ करना चाहिए कि क्या राष्ट्रीय स्तर पर भी सीबीआई के संबंध में उनका यही रुख है।