महागठबंधन में शामिल पार्टियों की ओर से अपमानित किए जाने का मुद्दा उठाते हुए ने गठबंधन से नाता तोड़ लिया था। सपा की शिकायत थी कि महागठबंधन के बड़े दलों ने सीट बंटवारे के मुद्दे पर उनसे कोई विचार-विमर्श नहीं किया। मुलायम से पारिवारिक रिश्ते भी रखने वाले लालू ने इस विषय में पत्रकारों के सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया।
सीट बंटवारे के फार्मूले के तहत जदयू को 100, राजद को 98 और कांग्रेस को 40 सीटें दी गई थीं जबकि सपा के लिए महज पांच सीटें छोड़ी गई थीं। यही बात सपा को नागवार गुजरी। बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं।
इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्राी नीतीश कुमार ने भरोसा जाहिर किया है कि इस मसले को सुलझाा लिया जाएगा और सपा धर्मनिरपेक्ष गठबंधन में लौट आएगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर एेसा क्या हुआ कि सपा ने धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन छोड़ने का फैसला किया। नीतीश ने कहा, परसों मेरी बात मुलायम सिंह यादव से हुई थी और मुझे जरा भी आभास नहीं था कि सपा गठजोड़ छोड़ने का फैसला करेगी। इससे पहले जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कल सपा प्रमुख से मुलाकात की और वह आज फिर उनसे मिलेंगे। नीतीश ने यह भी कहा कि हम सब मुलायम सिंह जी की इज्जत करते हैं।