शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय के अनुसार बीफ का मुद्दा खाने की आदत, व्यापार और रोजगार से जुड़ा है। इस मुद्दे को लेकर एक राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए। इसमें कहा गया है कि जो लोग कल तक गायों की रक्षा कर रहे थे वे हिंदू थे पर आज वे हत्यारे बन गए हैं।
संपादकीय में प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान का स्वागत किया गया है जिस में उन्होंने गौरक्षा के नाम पर हत्या करने वालों को चेतावनी दी थी। शिवसेना ने कहा कि हम इस मामले पर प्रधानमंत्री के कदम का समर्थन करते हैं। किसी को भी गौरक्षा के नाम पर कानून हाथ में लेने का हक नहीं है। लोगों की हत्या करना हिंदुत्व के सिद्धांत के खिलाफ है।
भीड़ द्वारा गौ हत्या और बीफ खाने के बाद लोगों की हत्या पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हाल में ही कहा था कि ऐसी घटनाएं गंभीर हैं। उन्होंने कहा था कि इस तरह की घटनाएं तीन साल के राजग सरकार के कार्यकाल की तुलना में पहले की सरकारों के समय ज्यादा हुई थीं।
गौरतलब है कि हाल ही में हरियाणा के बल्लभगढ़ में बीफ खाने का आरोप लगाकर 15 वर्षीय किशोर जुनैद की ट्रेन में हत्या कर दी गई थी। झारखंड के रामगढ़ में भी बीफ ले जाने के आरोप में मुस्लिम मांस व्यापारी की हत्या कर दी गई। इस हत्या के आरोप में भाजपा नेता नित्यानंद महतो को गिरफ्तार किया गया है।