बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने नसीमुद्दीन पर टिकट बेचने, अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया। नसीमुद्दीन सिद्दीकी और अफजाल के बसपा से निष्कासन की जानकारी सतीश चंद्र मिश्रा ने आज लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। मिश्र ने बताया कि नसीमुद्दीन और उनके बेटे ने चुनाव में पैसे लिए थे। पार्टी में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बता दें कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर अवैध तरीके से संपत्ति जमा करने का और अवैध बूचड़खाने चलाने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद पार्टी ने ये कार्रवाई की है।
कुछ समय पहले मायावती ने राष्ट्रीय महासचिव रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी का कद पहले से छोटा कर दिया था । नसीमुद्दीन से यूपी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से हटाकर मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया था। इसके अलावा उन्हें यूपी में सिर्फ लखनऊ मंडल के कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई थी। गौरतलब है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी बसपा में बड़े मुस्लिम चेहरे के तौर पर जाने जाते रहे हैं। बसपा की स्थापना के चार साल बाद ही 1988 में वो पार्टी से जुड़ गए थे। जब 1995 में मायावती की सरकार बनी तब वे कैबिनेट मंत्री भी बने। नसीमुद्दीन के बेटे अफजल सिद्दीकी से हालिया 2017 विधानसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार भी करवाया गया।