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यूपी विधानसभा चुनावः मायावती का एलान- बसपा किसी भी पार्टी से नहीं करेगी समझौता, अपने दम पर लड़ेगी चुनाव

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को बीजेपी समेत अन्य दलों पर जमकर हमला बोला। मायावती ने कहा कि हम...
यूपी विधानसभा चुनावः मायावती का एलान- बसपा किसी भी पार्टी से नहीं करेगी समझौता, अपने दम पर लड़ेगी चुनाव

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को बीजेपी समेत अन्य दलों पर जमकर हमला बोला। मायावती ने कहा कि हम यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए किसी भी दल के साथ चुनावी समझौता नहीं करेंगे और अकेले ही चुनाव लड़ेंगे। हम जनता से गठबंधन करेंगे और प्रदेश में सरकार बनाएंगे।

उन्होंने कहा कि यूपी में विधानसभा चुनाव के नज़दीक आते ही बीजेपी समेत अन्य दलों की तरफ से जनता को लुभाने का नाटक किया जा रहा है। भाजपा ताबड़तोड़ सरकारी योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण कर रही है। ये योजनाएं अभी आधी-अधूरी ही हैं। जनता इनके झांसे में नहीं आएगी। ये सब विधानसभा चुनाव में होने वाली हार को दर्शाता है। हमें विश्वास है कि हमें पूर्ण बहुमत मिलेगा, जैसा कि हमें 2007 में मिला था।

मायावती ने कहा कि हमें सपा और भाजपा में कोई अंतर नजर नहीं आता। वे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। वे सिर्फ चुनाव को हिंदू-मुस्लिम का मामला बनाना चाहते हैं। सपा और भाजपा दोनों का चरित्र, जातिवादी और सांप्रदायिक है. अखिलेश का 400 सीटों का दावा बचकाना है। इनकी इच्छा के लिए चुनाव आयोग को सीटों की संख्या बढ़ाकर 1000 कर देनी चाहिए। दोनों के इरादे साफ हैं कभी जिन्ना, कभी पुलिस फायरिंग जैसे सांप्रदायिक और धार्मिक मुद्दों को उठाने का प्रयास सीधा-सीधा हिंदू और मुस्लिमों पर फोकस करना है और दोनों एक दूसरे को लाभ पहुंचाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि  सपा की तरह कांग्रेस ने तरह तरह के वादे किए हैं, जिस पर जनता विश्वास नहीं करेगी। बीएसपी का कहना है कि कांग्रेस ने काम किया होता तो वो इस तरह सत्ता से बाहर नहीं होती। तेल के बढ़ते दामों को जनता भूलाने वाली नहीं है।

बसपा प्रमुख ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा और कहा कि यूपी के सीएम की तरह मेरा भी परिवार नहीं है लेकिन मैं कोई पोशाक धारण कर सन्यासी नहीं बन गई हूं। मेरा परिवार सभी धर्मों के लोग हैं और मैं सभी का ध्यान रखती हूं। योगी ने एक धर्म के एक विशेष जाति के लोगों पर ही अपना ध्यान फोकस किया है। उन्होंने कहा कि यदि मेरे भाई-बहन व रिश्तेदार निस्वार्थ भाव से राजनीति में सेवा करने के उद्देश्य से आएं तो इसे परिवारवाद कहकर उंगली नहीं उठाई जानी चाहिए।

मायावती ने कहा, किसान भी केंद्र के अहंकारी व्यवहार से गुस्से में है. सरकार की गलत सोच की वजह से गरीब और शोषित वंचित लोग बहुत परेशान है। मैंने 9 अक्टूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि के मौके पर कार्यकर्ताओं को हर सीट के पोलिंग बूथों की समीक्षा का काम दिया था जिसके वोटर कार्ड अब तक नहीं बने हैं, उन्हें बनवाने का काम हमारे कार्यकर्ता कर रहे हैं।

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