मंत्रिमंडल के विस्तार में उपेक्षा से नाराज शिवसेना ने मंगलवार को कहा था कि जिस तरह विस्तार की कवायद की गई, उससे वह आहत है। साथ ही पार्टी ने प्रधानमंत्री के चयन मानकों पर भी सवाल उठाए थे। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा है :नरेंद्र: मोदी अपनी सरकार के अकेले चेहरे हैं। इससे तुलना करें तो इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के पास बाबासाहेब अंबेडकर, बाबू जगजीवन राम, यशवंतराव चव्हाण और शंकरराव चव्हाण जैसे ज्यादा उत्कृष्ट सदस्य थे।
संपादकीय में आगे कहा गया है मानव संसाधन विकास मंत्रालय पी वी नरसिंह राव की वजह से जाना गया। मनमोहन सिंह की वजह से दुनिया को पता चला कि भारत में वित्त मंत्री है, जो काम करता है। जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में जैसे क्षमतावान लोग थे, वैसे लोग आज नहीं मिल सकते। ये लोग मोदी के मंत्रियों से कही बेहतर थे। इस परिदृश्य में मोदी के पास अपने मंत्रिमंडल की पूरी जिम्मेदारी खुद उठाने के अलावा और दूसरा कोई विकल्प नहीं है।